Jammu & Kashmir

नायब तहसीलदार भर्ती में उर्दू अनिवार्य करने के विरोध में भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन

नायब तहसीलदार भर्ती में उर्दू अनिवार्य करने के विरोध में भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन

जम्मू, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । सभी भाजपा विधायकों ने जम्मू में सिविल सचिवालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और नायब तहसीलदार पद की भर्ती प्रक्रिया में उर्दू को अनिवार्य विषय बनाने के जम्मू-कश्मीर सरकार के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और जम्मू-कश्मीर भाजपा महासचिव सुनील शर्मा ने किया।

भाजपा विधायकों ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण बताया और इसे उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार द्वारा जम्मू और अन्य गैर-उर्दू भाषी क्षेत्रों के युवाओं की आकांक्षाओं की अनदेखी करने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया।

मीडिया से बात करते हुए सुनील शर्मा ने कहा कि यह नीति उन योग्य उम्मीदवारों के साथ घोर अन्याय है जो अन्यथा योग्य हैं लेकिन भाषा वरीयता के आधार पर उन्हें बाहर रखा जा रहा है। यह सिर्फ़ भाषा का मामला नहीं है। यह अधिकारों, अवसरों और समान व्यवहार का मामला है। उर्दू जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में से एक है लेकिन यह अकेली नहीं है। जब जम्मू-कश्मीर के संविधान द्वारा कई अन्य आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी गई है तो उर्दू में दक्षता अनिवार्य क्यों की जानी चाहिए।

भाजपा विधायकों ने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने इस फ़ैसले का विरोध करने के सभी शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीक़े पहले ही आज़मा लिए हैं। भाजपा विधायकों ने कहा कि हमने ज्ञापन सौंपे, प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया और उपराज्यपाल से भी मुलाक़ात की। हालाँकि उपराज्यपाल ने हमारी चिंता स्वीकार की लेकिन उन्होंने कहा कि भर्ती का मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।

विधायकों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मुख्यमंत्री ने पहले भाजपा प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया था कि इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनता के साथ इस विश्वासघात ने हमारे पास विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।

विधायकों ने मुख्यमंत्री की यह कहते हुए भी आलोचना की कि वे अपने मूल कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहते हुए कथित तौर पर पीड़ित कार्ड खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उन्हें पद के विशेषाधिकारों का आनंद लेने की ज़्यादा चिंता है। जम्मू-कश्मीर के युवा निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के हक़दार हैं न कि राजनीतिक जोड़-तोड़ के। भाजपा विधायकों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं देती तो विरोध प्रदर्शन और तेज़ होगा।

शर्मा ने कहा कि आज का विरोध प्रदर्शन एक प्रतीकात्मक संदेश है। अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार नायब तहसीलदार भर्ती में उर्दू भाषा की अनिवार्यता को तुरंत वापस नहीं लेती तो हम आंदोलन को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

Most Popular

To Top