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शाहपुरा में भाजपा नेता गुर्जर की 45 करोड़ की बेनामी संपत्तियां उजागर

शाहपुरा में भाजपा नेता गुर्जर की 45 करोड़ की बेनामी संपत्तियां उजागर -ब्याज पर पैसे देकर मकान-प्लॉट कब्जाने के आरोप, पुलिस कार्रवाई की आहट से आरोपी फरार, कोर्ट में कुर्की की तैयारी
शाहपुरा में भाजपा नेता गुर्जर की 45 करोड़ की बेनामी संपत्तियां उजागर -ब्याज पर पैसे देकर मकान-प्लॉट कब्जाने के आरोप, पुलिस कार्रवाई की आहट से आरोपी फरार, कोर्ट में कुर्की की तैयारी

भीलवाड़ा, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में ब्याज पर मोटी रकम वसूलने और लोगों की संपत्तियों पर कब्जा करने के आरोपों में घिरे शाहपुरा के भाजपा नेता दिलीप गुर्जर पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस की गहन जांच में सामने आया है कि गुर्जर ने अब तक करीब 45 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां खड़ी कर ली हैं। कार्रवाई की भनक लगते ही गुर्जर भूमिगत हो गया है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। यह पूरी कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव के निर्देश पर की गई है।

शाहपुरा के डीएसपी ओमप्रकाश बिश्नोई ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अगस्त और सितंबर माह में दिलीप गुर्जर के खिलाफ पुलिस को कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया कि गुर्जर ब्याज पर रकम देने के दौरान लोगों से खाली स्टांप पेपर और चेक पर हस्ताक्षर करवा लेता था। इतना ही नहीं, जब पीड़ित लोग ब्याज सहित पूरा पैसा चुका देते, तब भी वह उनके मकान, प्लॉट या जमीन पर कब्जा कर लेता। इस तरह से कई लोग उनकी ब्याजखोरी का शिकार बने।

डिप्टी ने बताया कि जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि गुर्जर ब्याज का यह कारोबार बिना किसी लाइसेंस के कर रहा था। उसके पास न तो बैंकिंग से संबंधित कोई अनुमति थी और न ही ब्याज पर लेन-देन करने की कोई वैध व्यवस्था। अधिकारियों ने बताया कि उसके पास खेती-बाड़ी के अलावा किसी भी तरह की वैध आय का स्रोत नहीं है। न तो वह आयकर रिटर्न दाखिल करता है और न ही उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन है।

पुलिस जांच में पता चला है कि शाहपुरा नगर पालिका क्षेत्र में गुर्जर के पास 35 से अधिक मकान और प्लॉट हैं। इनमें से कई पर उसने बहुमंजिला इमारतें बना रखी हैं, जिनमें लाखों रुपये

का निवेश किया गया है। इसके अतिरिक्त उसके पास करीब 300 बीघा कृषि भूमि भी है। इन सभी संपत्तियों की कुल बाजार कीमत करीब 45 करोड़ रुपये आंकी गई है।

डीएसपी बिश्नोई ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि न तो गुर्जर और न ही उसके परिवार के किसी सदस्य द्वारा इन संपत्तियों को लेकर कभी आयकर रिटर्न दाखिल किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि यह संपत्तियां अवैध रूप से अर्जित की गई हैं।

डीएसपी बिश्नोई ने कहा कि नए नियमों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपराधिक तरीके से संपत्ति अर्जित करता है, तो जिला पुलिस अधीक्षक की स्वीकृति के बाद पर्याप्त सबूतों के आधार पर कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाता है। यदि मामले की पुष्टि होती है, तो ऐसी बेनामी संपत्तियां कुर्क कर दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में दर्ज प्रकरण में भी गुर्जर के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, लेकिन उसने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था। वहीं, सितंबर माह में दर्ज प्रकरण में भी मजबूत सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन गुर्जर फरार हो गया।

पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि गुर्जर ने शाहपुरा नगर पालिका क्षेत्र में कई बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी हैं। इन निर्माणों के लिए नगर पालिका से न तो स्वीकृति ली गई और न ही किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। अब प्रशासन इस मामले की भी गहराई से जांच कर रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शाहपुरा क्षेत्र में लंबे समय से ब्याज माफियाओं का दबदबा रहा है। गरीब और जरूरतमंद लोग मजबूरी में उनसे पैसा लेते हैं और फिर सालों तक कर्ज के जाल में फंसे रहते हैं। ब्याजखोरी के इस खेल में कई परिवार अपनी जमीन-जायदाद तक गंवा चुके हैं। दिलीप गुर्जर पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं कि उसने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर भारी संपत्ति बनाई।

गुर्जर का राजनीति से जुड़ा होना भी चर्चा का विषय है।

पुलिस का कहना है कि ब्याज माफियाओं के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा। डीएसपी बिश्नोई ने बताया कि सूचना मिल रही है कि ऐसे कई लोग हैं जो अवैध रूप से ब्याज का धंधा कर रहे हैं। उन सभी पर निगरानी रखी जा रही है और समय-समय पर जांच की जा रही है। पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि यदि कोई ब्याज माफिया उन्हें परेशान करता है, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।

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(Udaipur Kiran) / मूलचंद

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