
रांची, 29 अगस्त( हि.स.)। झारखंड में सूर्या हांसदा एनकाउंटर और नगड़ी में रैयतों की उपजाऊ जमीन पर प्रस्तावित रिम्स-टू निर्माण के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल से दोनों मामलों में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से भली-भांति अवगत होंगे कि झारखंड के गोड्डा जिले में 11 अगस्त 2025 को आदिवासी समाज के लोकप्रिय सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की पुलिसिया मुठभेड़ में हत्या कर दी गई। यह घटना हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में न्याय और मानवाधिकार का उल्लंघन है।
ज्ञापन में कहा गया कि 10 अगस्त को सूर्या हांसदा को पुलिस ने उनके रिश्तेदार के घर से उठाया और 11 अगस्त को ललमटिया, महागामा में पुलिस ने एनकाउंटर दिखाकर उनकी हत्या कर दी। गिरफ्तारी के बाद न तो मेडिकल परीक्षण कराया गया और न ही सक्षम न्यायालय में पेश किया गया। सूर्या हांसदा गंभीर रूप से बीमार (टाइफाइड से ग्रसित) थे और हाल ही में वेल्लोर से इलाज कर लौटे थे। पुलिस ने उन्हें अपराधी साबित करने के लिए 24 मुकदमों का हवाला दिया, जबकि 14 मामलों में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे, 5 मामलों में जमानत पर थे, 5 मामले विचारणाधीन थे। किसी भी न्यायालय ने उन्हें अपराधी घोषित नहीं किया था। तथाकथित एनकाउंटर स्थल पर खून का कोई निशान नहीं मिला और पत्रकारों और स्थानीय लोगों को वहां जाने से रोका गया।
दरअसल, भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति बनाई, जिसने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। मामला राज्यसभा में सांसद आदित्य साहू की ओर से उठाया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी संज्ञान लिया है। परंतु राज्य सरकार मामले का सच सामने लाने से बच रही है।लिहाजा, भाजपा ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। सूर्या हांसदा के परिजनों और उनके वकील को सुरक्षा उपलब्ध करवाने और दोषी अधिकारियों और राजनीतिक संरक्षणकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की गयी है।
भाजपा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि नगड़ी में खेतिहर जमीन पर जबरन अस्पताल (रिम्स-02)निर्माण आदिवासियों और किसानों के अस्तित्व पर हमला है। पार्टी ने सरकार पर सीएनटी एक्ट और भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। भाजपा ने मांग की कि रिम्स-टू के लिए गैर-कृषि भूमि का चयन हो और किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, रवींद्र राय, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, राकेश प्रसाद, विकास प्रीतम, सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, गंगोत्री कुजूर, गणेश मिश्रा, सरोज सिंह, सुनीता सिंह, योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाईक सहित अन्य शामिल थे।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
