Jharkhand

बिरसा ने आदिवासी समाज में नई जागरूकता को दिया जन्म : बबलू

भगवान बिरसा को नमन करते बबलू मुंडा समेत अन्‍य

रांची, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा के नेतृत्व में भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जन्म जयंती के अवसर पर कोकर स्थित भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर शनिवार को श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर बबलू मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा के नेतृत्व ने आदिवासी समाज में नई जागरूकता और एकता को जन्म दिया। इसलिए देश ने आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम का महानायक और भगवान का दर्जा दिया। 15 नवंबर को उनकी जयंति को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्‍होंने कहा कि अबुआ दिसुम अबुआ राज यह भगवान बिरसा मुंडा का नारा आज भी झारखंड की पहचान और आत्मगौरव का प्रतीक है। वहीं प्रधान महासचिव अशोक मुंडा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा 1875-1900 एक आदिवासी नेता और लोक नायक थे जो मुंडा जनजाति से थे और 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश राज के दौरान आधुनिक बिहार और झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में उठे सहस्त्राब्दी आंदोलन के पीछे थे। उन्‍हें भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया।

मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन और जमीदारों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को एकजुट कर उलगुलान नामक बड़ा आंदोलन शुरू किया।

कार्यक्रम में केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहान, प्रधान महासचिव अशोक मुंडा, महासचिव महादेव टोप्पो, झारखंड आंदोलनकारी कुमोद कुमार वर्मा सहित मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar