
जींद, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । खेल नर्सरियों में अब खिलाडिय़ों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हो गई है। खिलाडिय़ों की ऑनलाइन हाजिरी होगी तो ही खिलाडिय़ों के बैंक खाते में खुराक भत्ता आएगा। खेल विभाग द्वारा जारी आदेशों के बाद अब खेल नर्सरियों ने बायोमेट्रिक पंचिंग मशीन खरीदनी शुरू कर दी है। 15 अगस्त से प्रदेश की सभी खेल नर्सरियों में ये आदेश लागू हो गए हैं। प्रदेश इस समय करीब दो हजार खेल नर्सरियां चल रही हैं। इनमें 500 नर्सरियां सरकारी और 1500 के करीब प्राइवेट संस्थानों में चल रही हैं।
खेल नर्सरियों में प्रेक्टिस करने वाले आठ से 14 वर्ष के खिलाडिय़ों को दो हजार रुपये, 15 से 19 वर्ष के खिलाडिय़ों को तीन हजार रुपये महीना डाइट मनी के तौर पर मिलता है। खेल मंत्री गौरव गौतम के पास कई जगहों से खेल नर्सरियों में गड़बड़ होने की शिकायतें आ रही थीं। अधिकांश शिकायतें इस बात को लेकर थी कि नर्सरियों में खिलाडिय़ों की जितनी संख्या दर्ज की गई है, उतने खिलाड़ी नहीं हैं। कई नर्सरियों में कोच के भी समय पर नहीं आने की शिकायतें आ रही थीं। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए खेल विभाग ने खिलाडिय़ों और कोच की बायोमीट्रिक हाजिरी सुनिश्चित करने का फैसला लिया है।
बायोमेट्रिक सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्यप्रणाली पर सख्त नजर रखी जा सकेगी। यदि हाजिरी अपडेट करने में किसी प्रकार की देरी या कातोही बरती जाती है तो वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। खिलाडिय़ों को हाजिरी के आधार पर ही डाइट राशि मिलती है। खिलाड़ी को महीने में 22 हाजिरी जरूरी है। जिला खेल अधिकारी रामपाल हुड्डा ने कहा कि खेल विभाग की तरफ से पत्र मिलने के बाद नर्सरियों में पंचिंग मशीनें लगाई जा रही हैं।
इसमें किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी। जींद जिले के इस सत्र में सरकारी स्कूलों, ग्राम पंचायतों में 60 खेल नर्सरियां चल रही है। इनमें जींद जिले में कुश्तीए कबड्डी, हैंडबाल, वेट लिफ्टिंग, वॉलीबॉल, हॉकी, स्वीमिंग, कुश्ती, फुटबॉल, बॉक्सिंग, ऑर्चरी, बॉस्केटबॉल, एथलेटिक, वुशू, नेटबॉल की प्रेक्टिस अलग-अलग वर्ग के खिलाडिय़ों को करवाई जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
