Punjab

पंजाब कैबिनेट में पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ विधेयक मंजूर

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मंत्रिमंडल की बैठक लेते हुए

चंडीगढ़, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पंजाब में हो रही धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए सख्त कानून बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार आज ही इसे विधानसभा में पेश करेगी। कैबिनेट ने पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर रूल्स-2025 को भी हरी झंडी दे दी है।

सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाकर बेअदबी कानून को मंजूरी दे दी गई। इस बिल का नाम ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ हाेगा। इस बिल को सरकार आज ही विधानसभा में पेश कर सकती है। इसमें धार्मिक ग्रंथों और स्थलों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान किया गया है।दरअसल, पंजाब में बेअदबी की कई घटनाएं लगातार हाे रही हैं। इसके खिलाफ एक सख्त कानून बनाने की मांग उठ रही थी

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सरकार ऐसा कानून लाना चाहती है, जो स्थायी हो और आने वाले समय में भी मजबूती से लागू रहे। इसलिए इसमें किसी तरह की कमजोरी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्हाेंने कहा कि फिलहाल बेअदबी जैसे मामलों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 298 और 299 के तहत अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है। पंजाब सरकार इस सजा को कम से कम 10 साल और उम्रकैद तक बढ़ाने का प्रस्ताव रख रही है। सरकार चाहती है कि कानून में ऐसे प्रावधान जोड़े जाएं जिससे सिर्फ दोषी ही नहीं, उसके परिवार की भी जिम्मेदारी तय की जा सके। मकसद यह है कि कोई दोबारा इस तरह की हरकत के बारे में सोच भी न पाए।

उन्हाेंने बताया कि इस संदर्भ में मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, पवित्र बाइबल, कुरान शरीफ और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी करने वाले दोषियों के लिए आजीवन कारावास सहित कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इस कानून के लागू होने से राज्य में सामुदायिक सद्भावना, शांति, एकता और भाईचारे की डोर को मजबूत करने की कोशिशों को और बल मिलेगा। इस कदम से जघन्य अपराध के दोषियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करके समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने में और ताकत मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि अब तक ऐसा कोई विशेष कानून मौजूद नहीं था, जो पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराधों को सीधे तौर पर संबोधित करता हो, जिसके परिणामस्वरूप अपराधी अक्सर गंभीर कार्रवाई से बच निकलते थे। इस विधेयक का उद्देश्य सभी धर्मों और समुदायों से जुड़े बेअदबी के मामलों में सजा का प्रावधान करके इस कानूनी खालीपन को भरना है। इस प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस अपराध की कोशिश करने वालों को भी तीन से पांच साल की कैद की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी।

पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स, एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर रूल्स-2025 को हरी झंडी

मंत्रिमंडल ने आज ‘पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स, एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर रूल्स-2025’ को भी मंजूरी दे दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्रशर यूनिट, सामग्री विक्रेता और खुदरा विक्रेता निर्धारित ढांचे के भीतर काम करें। ये नियम पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स, एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर रूल्स-2025 के अनुसार तैयार किए गए हैं, जो क्रशर यूनिटों द्वारा अवैध रूप से खनन की गई रेत और बजरी की खरीद को रोकने के लिए लागू किया गया था। नए नियम अधिनियम के प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह ढंग से लागू करने की सुविधा के लिए विस्तृत प्रक्रियाओं, निर्धारित फॉर्म, समय-सीमाओं, अधिकारियों और अनुपालन विधियों को परिभाषित करते हैं। इनका उद्देश्य कार्यप्रणाली में अस्पष्टता को खत्म करना, रॉयल्टी चोरी और अवैध खनिज व्यापार को रोकना और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और कानूनी रूप से अनुकूल व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, इन नियमों से पूरे राज्य में पारदर्शिता बढ़ाने और अवैध खनन गतिविधियों को रोकने की उम्मीद है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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