
बीकानेर, 16 जून (Udaipur Kiran) । केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बीकानेर का जोड़बीड़ क्षेत्र गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान रखता है। यहां अक्टूबर से मार्च तक सात दुर्लभ प्रजातियों के गिद्ध प्रवास पर आते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में ‘वल्चर ब्रीडिंग सेंटर’ की स्थापना की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
मेघवाल सोमवार को जोड़बीड़ में आयोजित ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ और ‘लव कुश वाटिका’ के लोकार्पण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में वल्चर ब्रीडिंग सेंटर संचालित हैं, और बीकानेर को भी इस सूची में शामिल करने हेतु उच्चस्तरीय प्रयास जारी हैं। अनुमानित चार करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस केंद्र की स्थापना से बीकानेर को गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में नई पहचान प्राप्त होगी।
केंद्रीय मंत्री ने जल संरक्षण की महत्ता पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार प्रभावी कार्य कर रही है। उन्होंने पंचतत्वों में जल को सर्वाधिक (72 प्रतिशत) महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वज जल की महत्ता समझते थे और उसके उपयोग की सीमाएं निर्धारित थीं।
कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान की जानकारी साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित तीन करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य को बढ़ाकर सात करोड़ किया, जिसे पार करते हुए गत वर्ष 7 करोड़ 22 लाख पौधे लगाए गए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून को ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का संदेश दिया, जिसे प्रदेशभर में व्यापक जनसमर्थन मिला।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल व मंत्री शर्मा ने वन एवं पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले त्रिलोक चंद बाफना, शिल्पा कच्छावा, करणी सिंह, शुभम कलवानी, भूरजी नायक, डॉ. करण पुरोहित, सीताराम, कोजाराम, राजवीर सिंह व कमल राजपुरोहित को सम्मानित किया।
इस दौरान उप वन संरक्षक (वन्यजीव) संदीप कुमार छलानी ने जोड़बीड़ में विकसित लव कुश वाटिका की विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस वाटिका में आगंतुकों के लिए शेल्टर, फेंसिंग, क्लियर वॉटर रिजर्वॉयर, दो प्रवेश द्वार, तालाब, दो किलोमीटर लंबी इको ट्रेल, वॉच टावर आदि सुविधाएं विकसित की गई हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में संभागीय मुख्य वन संरक्षक हनुमान राम चौधरी ने स्वागत भाषण दिया। संचालन संजय पुरोहित ने किया तथा सहायक वन संरक्षक डॉ. पूजा पंचारिया ने आभार जताया।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
