
बागपत, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । बागपत जनपद के चौधरी केहर सिंह एजुकेशन ट्रस्ट, बड़ौत में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण साकार हुआ, जब आर्य समाज स्थापना के 150 स्वर्णिम वर्ष एवं महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर भव्य यज्ञशाला शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रथम ईंट रखकर यज्ञशाला का शिलान्यास किया और शिलालेख का अनावरण किया। उन्होंने इस अवसर को शिक्षा के साथ संस्कारों को जोड़ने वाली पुनीत पहल बताया। कार्यक्रम का आयोजन जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के सहयोग से हुआ।
मुख्य अतिथि आरिफ मोहम्मद खान ने अपने उद्बोधन में यज्ञशाला स्थापना को संस्कृति और शिक्षा के समन्वय की अनूठी मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रश्न बार-बार मन में उठता है कि क्या हमने अपनी महान संस्कृति के साथ न्याय किया है। उन्होंने कहा – “हमारे संविधान के मौलिक अधिकार भी मनुष्य को उसकी मानवता की हैसियत से प्रतिष्ठित करते हैं। आज यूनेस्को ने भी स्वीकार किया है कि वेद दुनिया के प्राचीनतम ग्रंथ हैं। वेदों ने हजारों वर्ष पूर्व ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की उद्घोषणा की थी। यही भाव मानव को सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाता है।”
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया की अकेली संस्कृति है, जो दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा मानती है। दान का अर्थ है – परमात्मा ने जो दिया है उसमें दूसरों का भी हिस्सा है। यही यज्ञ का संदेश है। उन्होंने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्राण और आधार है। विद्यालय परिसर में यज्ञशाला बनने से वैदिक संस्कृति का संदेश युवा पीढ़ी तक पहुँचेगा और उनमें संस्कार एवं राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि बागपत वीरता और संस्कारों की भूमि है, जहां से स्वतंत्रता संग्राम के नायक शाहमल जैसे वीर निकले। उन्होंने कहा कि यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि स्वच्छ पर्यावरण और संस्कारवान समाज का प्रतीक है। संयोजक एवं बड़ौत मेडिसिटी अस्पताल बड़ौत के ऑनर डॉ मनीष तोमर ने बताया कि कार्यक्रम में सात राज्यों से आए आर्य समाज प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान परिसर में आवासीय शिविर, संस्कार यात्राओं तथा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का भी संकल्प लिया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष चौधरी सुशील राणा, कोषाध्यक्ष कपिल आर्य एवं मंत्री रवि शास्त्री, रामपाल तोमर, धर्मपाल त्यागी आदि ने बताया कि यह यज्ञशाला संस्कार, संस्कृति और शिक्षा का संगम बनेगी जिसमें नियमित यज्ञ हवन आयोजित किए जाएंगे।
(Udaipur Kiran) / सचिन त्यागी
