HEADLINES

ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत

jodhpur

जोधपुर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया है कि यदि किसी ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए सीट आवंटित होती है, तो उससे राजकीय मेडिकल कॉलेज में निर्धारित वार्षिक फीस से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह आदेश न्यायाधीश नूपुर भाटी की एकलपीठ ने पाली निवासी याचिकाकर्ता हर्षवर्धन सिंह की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

याचिका में कहा गया कि राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की वार्षिक ट्यूशन फीस 70,400 रुपए है, जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में स्टेट/जनरल कोटा सीट की फीस 18.90 लाख से 23 लाख तक निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता का तर्क था कि जब ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए वार्षिक आय सीमा आठ लाख निर्धारित है, तब इस वर्ग के विद्यार्थियों से लाखों रुपए फीस वसूलना आरक्षण की मंशा और संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।

अधिवक्ता खिलेरी ने अदालत का ध्यान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की अधिसूचना 3 फरवरी 2022 की ओर दिलाया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि निजी मेडिकल कॉलेजों की 50 प्रतिशत सरकारी कोटे की सीटों पर शुल्क संरचना राजकीय मेडिकल कॉलेजों के समान हो। फिर भी राजस्थान में फीस रेगुलेटरी कमेटी द्वारा अत्यधिक शुल्क निर्धारण कर ईडब्ल्यूएस और ओबीसी अभ्यर्थियों के अधिकारों की अनदेखी की गई है।

रिकॉर्ड और तर्कों का परिशीलन करने के बाद न्यायालय ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को राज्य काउंसलिंग के तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेज आवंटित होता है, तो कॉलेज उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज की निर्धारित फीस से अधिक शुल्क जमा करने के लिए बाध्य नहीं करेगा। हालांकि अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अंतिम निर्णय में याचिका असफल होती है, तो अभ्यर्थी को उस कॉलेज की निर्धारित फीस का भुगतान करना होगा। मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को नियत की गई है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

Most Popular

To Top