
रायपुर, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी रायपुर में गौवंश तस्करी के खिलाफ खमतराई पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में उमेश दावड़ा (36 वर्ष) निवासी नागपुर महाराष्ट्र, हाल पता उरकुरा थाना खमतराई रायपुर है। विकास तिवारी (21 वर्ष) निवासी अमरपाटन सतना म.प्र., हाल- उरकुरा रायपुर। वहीं इस नेटवर्क का तीसरा और मुख्य आरोपित विवेक तिवारी अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। आरोपितगण गौ तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक, 1 नवंबर 2025 की सुबह खमतराई पुलिस को सूचना मिली कि, एक ट्रक में भारी मात्रा में गौवंश की तस्करी की जा रही है। सूचना पर पुलिस ने मेटल पार्क, रांवाभाठा और धनेली नाला क्षेत्र में नाकेबंदी की। सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने संदिग्ध ट्रक को रोकने की कोशिश की, लेकिन चालक ट्रक छोड़कर भाग निकला। जब पुलिस ने ट्रक की तलाशी ली तो उसमें 24 नग गौवंश (नंदी) भरे मिले, जिनमें से 5 की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
इस घटना के बाद प्रिंस सिंह परमार की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 1164/25 दर्ज किया गया। मामला धारा 325 बीएनएस और पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11(1)(घ) के तहत पंजीबद्ध किया गया। जांच के दौरान ट्रक मालिक उमेश दावड़ा का नाम सामने आया, जो गौ तस्करी का आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले से बेमेतरा, राजनांदगांव और भंडारा (महाराष्ट्र) में भी मामले दर्ज हैं।
गिरफ्तारी के बाद उमेश ने कबूल किया कि वह विवेक तिवारी और विकास तिवारी के साथ मिलकर खैरागढ़ क्षेत्र से 30 मवेशी लेकर नागपुर जा रहा था। रास्ते में छह मवेशी ट्रक से कूद गए थे। उमेश के बयान के आधार पर पुलिस ने विकास तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि दोनों आरोपित मुख्य सरगना विवेक तिवारी के निर्देश पर काम कर रहे थे। फिलहाल विवेक तिवारी फरार है और उसके खिलाफ थाना पामगढ़ (जांजगीर-चांपा) में भी कृषक पशु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज है। उसकी तलाश में पुलिस ने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी टीमें भेजी हैं।
थाना खमतराई प्रभारी ने बताया कि, गिरफ्तार आरोपित एक अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का हिस्सा हैं, जो मवेशियों को अवैध रूप से महाराष्ट्र भेजकर बिक्री करते थे। पुलिस ने चेतावनी दी है कि “गौवंश तस्करी या पशु क्रूरता के किसी भी मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वाहन और संपत्ति जब्त की जाएगी, दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर