Uttar Pradesh

विकसित भारत 2047: सहयोग और सहभागिता के लिए बीएचयू और सीआईआई ने किए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर

सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बीएचयू के कुलपति और सीआईआई के प्रधान सलाहकार

एमओयू से नियमित संवाद और संयुक्त पहलों को मिलेगा बढ़ावा, शिक्षा–उद्योग साझेदारी को मिलेगा प्रोत्साहन

वाराणसी,22 नवम्बर (Udaipur Kiran) । विकसित भारत 2047 के रोडमैप को तैयार कर सहयोग और सहभागिता के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शनिवार को दोनों संस्थानों ने देश की समृद्धि के लिए मिलकर काम करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में भारतीय उद्योग परिसंघ, बीएचयू तथा उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय काशी संवाद कार्यक्रम के समापन समारोह में मिलकर काम करने पर सहमति बनी। दो दिनों तक नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं और प्रमुख हितधारकों ने विकसित भारत 2047 की दिशा में ‘नवाचार, समता, समावेशन और टिकाऊ विकास’ पर चर्चा की। दूसरे दिन कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी और सुनील मिश्रा ( प्रधान सलाहकार, सीआईआई, तथा सीईओ ) सीआईआई फाउंडेशन ने इस समझौते का आदान-प्रदान किया।

यह एमओयू दोनों संगठनों के बीच नियमित संवाद और संयुक्त गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे शिक्षा और उद्योग के बीच साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक बदलाव के ठोस परिणाम सामने आएंगे। यह समझौता शैक्षणिक अनुसंधान को उद्योग की आवश्यकताओं और अंतर्दृष्टियों के साथ जोड़ने, सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक चुनौतियों के समाधान विकसित करने और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौते के तहत दोनों संस्थान पारस्परिक संवाद बनाए रखेंगे और संयुक्त कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ और परियोजनाएँ आयोजित करेंगे, जिससे बीएचयू के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप और मार्गदर्शन (मेंटॉरशिप) के अवसर मिलेंगे और उनका शैक्षणिक एवं पेशेवर विकास होगा।

बीएचयू और सीआईआई के बीच स्थापित हो रही इस साझेदारी की सराहना करते हुए प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि यह पहल बीएचयू के विद्यार्थियों में उद्यमशील क्षमताओं को और भी विकसित करेगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से पहले ही विद्यार्थियों को आवश्यक उद्यमिता कौशल से लैस कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यार्थियों को उनकी क्षमता और उनके पाठ्यक्रम को उद्योग से जुड़ने की बहुत इच्छा और आवश्यकता है, और उद्योग को भी यह जानने की जरूरत है कि हम क्या पढ़ा रहे हैं। यह एमओयू उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी