भोपाल, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा बुधवार काे राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर नारी न्याय आंदोलन के तहत प्रदेश स्तरीय आयोजन रखा गया। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल के नेतृत्व में नारी न्याय आंदोलन के माध्यम से विभिन्न मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन एवं राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपा गया। महिला कांग्रेस द्वारा ज्ञापन सौंपने रोशनपुरा से आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगाए गए बेरिकेड्स पर चढ़कर महिलाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाये और बेरिकेट्स पर से छलांग लगाते हुए महिलाएं राजभवन की तरफ दौड़ बढ़ी। इस दौरान महिला पुलिस अफसरों के साथ तीखी तकरार, झूमाझटकी, धक्का-मुक्की के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ी। यह देखकर महिला कार्यकर्ताओं ने उन्हें संभाला। वहीं घोषणा के मुताबिक महिलाओं ने राजभवन तक पैदल मार्च किया। इसके कारण पुलिस को महिलाओं को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी।
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने कहा कि महिलाओं के अधिकार और हकों के लिए महिला आरक्षण व्यवस्था लागू होनी चाहिए। जब तक आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं होगी, महिलाओं को अधिकार नहीं मिलेंगे। पूर्व मंत्री सज्ज्न सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं में भय और असुरक्षा का माहौल है। महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म, दुराचार की घटनाएं रोज सामने आ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री इन घटनाओं पर मौन हैं। पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश भर में कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा नारी न्याय आंदोलन के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया जायेगा, यह आंदोलन सरकार को नींद से जगाने के लिए जिला और ब्लाक में भी किया जायेगा।
महिला सुरक्षा के लिए बने मजबूत कानून
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाकर उसे पूरी तरह लागू किया जाये। प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं का ग्राफ दिन-पर-दिन बढ़ता जा रहा हैं। महिला आरक्षण अधिनियम को तुरंत लागू कर 33 फीसदी आरक्षण केवल पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाना चाहिए। सामाजिक समानता, सामाजिक न्याय की खातिर जातिगत जनगणना शीघ्र करायी जाए। महिलाओं के जीवनयापन के लिए आर्थिक सशक्तिकरण किया जाये।
विभा पटेल ने कहा कि आर्थिक स्थिति से कमजोर महिलाओं और लाड़ली बहनों सक्षम बनाने के लिए नारी न्याय के तहत हर गरीब परिवार की एक महिला को सालाना एक लाख रुपया अथवा हर महीने 8500 रुपये की आर्थिक सहायता शीघ्र प्रारंभ की जाये। महिलाओं के प्रति भेदभाव समाप्त कर ‘समान काम-समान वेतन’ का सिद्धांत लागू किया जाए। अत्याचार, दुराचार, दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने और अपराधियों में भय का माहौल बने इसके लिए कठोर कानून बनाया जाए। पेंशन से वंचित परित्यक्ता महिलाओं-युवतियों, कल्याणी, निराश्रित वृद्व महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन शीघ्र प्रांरभ की जाये, लाड़ली बहना योजना में काटे गये नामों को शीघ्र जोड़ा जाये, स्मार्ट मीटर योजना बंद की जाये और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के वेतन/ मानदेय में केंद्र सरकार का योगदान दो गुना किया जाए।
(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे