
ग्वालियर, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले एक होटल के रसोइए के खाते से 46 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया है। यह मामला तब उजागर हुआ, जब आयकर विभाग से नोटिस मिला। नोटिस आने के बाद पीड़ित अपनी नौकरी छोड़कर पुणे से वापस घर लौट आया। पीड़ित का कहना है कि वह ढाबे में काम करता है और उसके खाते में सालभर में तीन लाख रुपये का भी लेन-देन नहीं होता, फिर करोड़ों रुपये का नोटिस कैसे आया, यह समझ से परे है।
दरअसल, यह मामला कुछ महीने पहले ग्वालियर के राजपूत ढाबे पर खाना बनाने वाले कुक रवींद्र चौहान से जुड़ा है। उनका परिवार भिंड के गांधी नगर में रहता है। अप्रैल में उनके घर आयकर विभाग का नोटिस आया, जो अंग्रेजी में था। उस समय रवींद्र पुणे में नौकरी कर रहे थे और परिवार पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए कोई समझ नहीं पाया। जुलाई में फिर से ऐसा ही नोटिस आया, तब घरवालों ने रवींद्र को इसकी जानकारी दी।
जब रवींद्र घर लौटे और नोटिस देखा, तो समझ नहीं पाए। पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि इस पर सरकारी सील लगी है, मामला गंभीर है। इसके बाद वे अपने पड़ोसी वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया के पास गए। वहां पता चला कि रवींद्र के बैंक खाते में 46 करोड़ 18 लाख 32 हजार 916 रुपये का लेन-देन दिखाया गया है। यह सुनकर रवींद्र दंग रह गए, क्योंकि वह सिर्फ ढाबे में काम करते हैं और इतना पैसा आना असंभव है।
रवींद्र ने बताया कि जब ये नोटिस आने लगे, तब वह पुणे में हेल्पर की नौकरी कर रहे थे। दोबारा नोटिस आने पर वह घबरा गए और नौकरी छोड़कर घर आ गए। उन्होंने वकील को लेटर दिखाया, तब पता चला कि नोटिस वास्तव में आयकर विभाग का है और खाते में करोड़ों का ट्रांजेक्शन दिखाया गया है। पीड़ित ने भिंड के पंजाब नेशनल बैंक से अपने खाते का पांच साल का स्टेटमेंट निकलवाया। उसमें तीन लाख रुपये का भी लेन-देन नहीं मिला। जब बैंक मैनेजर से आगे जांच कराई गई, तो पता चला कि रवींद्र के नाम से दिल्ली के उत्तम नगर ब्रांच में एक और खाता है, जिसमें अभी भी 12.5 लाख रुपये जमा हैं।
जांच में सामने आया कि जब रवींद्र ग्वालियर के मेहरा टोल प्लाजा पर मेस हेल्पर की नौकरी कर रहे थे, तब उनके सुपरवाइजर शशिराय भूषण ने उनके नाम पर यह बैंक खाता खुलवाया था। रवींद्र ने उस समय आपत्ति भी की थी और खाता बंद करने की बात कही थी। वे सुपरवाइजर के साथ बैंक भी गए, लेकिन मैनेजर ने कहा कि इसे बंद करने के लिए जीएसटी ऑफिस जाना पड़ेगा। बाद में सुपरवाइजर ने कहा कि खाता बंद हो गया है। रवींद्र ने उनकी बात पर भरोसा कर लिया।
रवींद्र का आरोप है कि इस धोखाधड़ी के पीछे उनके पूर्व सुपरवाइजर शशिराय भूषण का हाथ है। उन्होंने इस संबंध में ग्वालियर के सिरोल थाने, एसपी जनसुनवाई और साइबर सेल में शिकायत भी की है। वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया का कहना है कि नोटिस से पता चलता है कि दिल्ली के उत्तम नगर में रवींद्र के नाम से खोला गया खाता शौर्य ट्रेडर्स नाम की कंपनी से जुड़ा है और करोड़ों रुपये का पूरा लेन-देन उसी कंपनी के माध्यम से हुआ है। सभी साक्ष्य और आवेदन एसपी कार्यालय व साइबर सेल को दिए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस और विभाग तुरंत संज्ञान लें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।
(Udaipur Kiran) तोमर
