
हरिद्वार, 20 जून (Udaipur Kiran) । भारत माता मंदिर को लेकर हाल ही में उपजा विवाद भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, जगद्गुरू आश्रम के परमाध्यक्ष शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज और अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की मुलाकात के बाद सुलझ गया है।
जगद्गुरू आश्रम में पत्रकारों को जानकारी देते हुए शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि संतों में कोई विवाद नहीं होता है। किसी विषय पर मत भिन्नता को विवाद नहीं कहा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत माता मंदिर में कोई विवाद नहीं है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज द्वारा स्थापित परंपरांओं और व्यवस्थाओं का पालन करेंगे। आईडी शास्त्री भी इसका पालन करेंगे। महंत ललितानंद गिरी भी परंपरांओं का पालन करते हुए अपना दायित्व निभाएंगे।
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की पुण्य तिथी पर आयोजित कार्यक्रम में स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने जो कहा था। उसका मतलब समझने में चूक हुई है, जिससे भ्रम उत्पन्न हुआ है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुछ लोगों ने महंत ललितानंद गिरी को स्वामी अवधेशानंद गिरी से मिलने नहीं दिया, जिससे भ्रम और शंका अधिक बढ़ गयी। अब पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया है।
महंत ललितांनद गिरी ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी का फोन आने के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गयी है। महंत ललितानंद गिरी ने बताया कि स्वयं ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने उन्हें महंत बनाया था। स्वामी अवधेशानंद गिरी उन्हें महंत मानते हैं।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
