
झुंझुनू, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल संचय-जन भागीदारी के आह्वान पर दूसरे राज्यों में बसें प्रवासी राजस्थानी अपनी मातृभूमि को जल आत्मनिर्भर बनाने के आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी भी हर गांव, हर खेत में वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजने का संकल्प लें और आने वाली पीढ़ियों को एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य प्रदान करें। शर्मा शनिवार को झुंझुनू जिले के मंड्रेला में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की उपस्थिति में आयोजित जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रदेश में जल जीवन मिशन में अनियमिताएं हुई, जिन पर हमारी सरकार ने ठोस कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि जेजेएम हुई गड़बडियों से संबंधित किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए राम जलसेतु लिंक परियोजना से लेकर जल संरक्षण एवं संचयन के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में यमुना का पानी लाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने कोई काम नहीं किया, जबकि हमारी सरकार ने गठन के साथ ही हरियाणा सरकार के साथ यमुना जल समझौते का एमओयू किया और इसकी डीपीआर पर काम चल रहा है। इसी तरह हमारी सरकार ने राम जलसेतु लिंक परियोजना के लिए केंद्र एवं मध्यप्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया। इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि हमने अब तक जितने काम किए हैं वे काम पूर्ववर्ती सरकार अपने पूरे कार्यकाल में नहीं कर पाई। हमने अब तक जल परियोजनाओं में लगभग 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि गत सरकार ने डेढ़ साल में केवल साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये खर्च किए। इसी तरह डेढ़ साल में 13 लाख नए घरेलू नल कनेक्शन दिए हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार डेढ़ साल में मात्र पौने दो लाख कनेक्शन ही दे पाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मा वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा एवं लाडो प्रोत्साहन योजना के माध्यम से बालिकाओं के जन्म पर डेढ़ लाख रुपये का सेविंग बॉण्ड उपलब्ध करवा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरूआत की है। हमने प्रदेश में किसान सम्मान निधि की राशि को बढ़ाकर 9 हजार रुपये किया है। साथ ही, पशुपालन क्षेत्र को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए दुग्ध उत्पादकों को सब्सिडी एवं गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में ऋण उपलब्ध करवा रही है।
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार में बिना किसी पेपरलीक के प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों के भी भरपूर अवसर मिल रहे हैं। लगभग 91 हजार नियुक्तियां दी जा चुकी हैं तथा लगभग 1 लाख 54 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्नि चरणों में है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए और अब इन्हें तेजी से धरातल पर उतारने का काम भी कर रहे हैं। जिससे निजी क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर खुल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावाटी की हवेलियां हमारी विरासत की पहचान है। हमारी सरकार इन हवेलियों के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार की मंशा है कि शेखावाटी को ग्रामीण पर्यटन का प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरे। उन्होंने कहा कि अमृत 2.0 योजना में पिलानी-मलसीसर-सूरतगढ़ से मंड्रेला कस्बे को पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने मंड्रेला कस्बे को कुम्भाराम परियोजना के मीठे पानी से लाभान्वित करने के लिए 1.25 करोड़ रुपये की घोषणा भी की।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि हमारे देश में लगभग 4 हजार बीसीएम वर्षा जल उपलब्ध होता है, जबकि हमारी वार्षिक जल आवश्यकता लगभग 1200 बीसीएम है। जल संचयन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान की शुरूआत की गई। इस अभियान में राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार और हरियाणा के प्रवासीे भाई-बहन जल संचयन के लिए संरचनाओं के निर्माण में सहयोग दे रहे हैं।
पाटिल ने कहा कि पानी की आवश्यकता को राजस्थान से ज्यादा और कोई नहीं समझ सकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में जल संचयन के लिए अभूतपूर्व कार्य हो रहा है और आने वाले समय में राजस्थान पूरे देश में जल आत्मनिर्भरता के लिए जाने जाएगा। राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार के समय हर घर नल से जल पहुंचाने की मुहिम में गड़बड़ियां की गई। राजस्थान के लोगों से पानी का हक छीनने वाले लोगों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।
पाटिल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की संकल्पना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों में नदियों को जोड़ने का काम हो रहा है। मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम चल रहा है। वहीं राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के लिए संशोधित पीकेसी ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत में 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार एवं मात्र 10 प्रतिशत भागीदारी दोनों राज्यों की है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर के 611 जिलों में लगभग 32 लाख जल संचयन के लिए संरचनाओं का निर्माण किया गया है। राजस्थान में पिछले 8 महीने में 4 लाख 14 हजार स्ट्रक्चर बने हैं। उन्होंने कहा कि डार्क जोन के जिलों में मनरेगा फंड का 65 प्रतिशत एवं सेमी डार्क जोन के जिलों में 40 प्रतिशत रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर खर्च किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने पूरे देश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 30 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जल जीवन मिशन के कार्य समय पर नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कुंभाराम लिफ्ट परियोजना तथा यमुना जल समझौते के माध्यम से शेखावाटी क्षेत्र के घर-घर में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार, विधायक विक्रम जाखल, धर्मपाल गुर्जर, राजेंद्र भांबू, गोरधन वर्मा, शुभकरण चौधरी, संतोष अहलावत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / रमेश
