
भीलवाड़ा, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले में चारागाह विकास, प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण को गति देने के उद्देश्य से सरोज देवी फाउंडेशन, अपना संस्थान, एफईएस एवं गोयल ग्रामीण विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा रहे सुविचार अभियान (सुरभि विहार चारागाह रक्षण अभियान) के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेशजी (भैया जी) जोशी का दाे दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होगा। यह आयोजन 30 और 31 अगस्त को आरसीएम वर्ल्ड, स्वरूपगंज, रिको ग्रोथ सेंटर, भीलवाड़ा में संपन्न होगा।
इस संबंध में आरसीएम समूह एवं सरोज देवी फाउंडेशन के संरक्षक तिलोकचंद छाबड़ा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाहक डॉ. शंकर लाल माली, अपना संस्थान के राजस्थान क्षेत्र प्रमुख विनोद मेलाना तथा एफईएस के राजस्थान हेड शांतनुराय सिन्हा ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में राजस्थान भर से पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास, गौ सेवा और भारतीय किसान संघ से जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल होंगे। साथ ही जिले के 100 से अधिक गांवों की चरागाह समितियों के पदाधिकारी भी भागीदारी निभाएंगे।
अपना संस्थान के क्षेत्र प्रमुख विनोद मेलाना ने बताया कि आयोजन में चारागाह विकास से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ भी शिरकत करेंगे। वहीं रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए श्रीरामशांताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार अपनी पूरी टीम के साथ मौजूद रहेंगे। यह टीम किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से खेती में रसायनों के स्थान पर जैविक पद्धतियों को अपनाने के लिए मार्गदर्शन देगी। भैया जी जोशी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह अभियान नई ऊर्जा प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि चारागाह विकास और जल संरक्षण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान एफईएस के राजस्थान हेड शांतनुराय सिन्हा ने बताया कि भीलवाड़ा जिला राज्य का तीसरा सबसे बड़ा चारागाह क्षेत्र है, लेकिन उपेक्षा के कारण इसका संरक्षण और समृद्धि प्रभावित हुई है। यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो जैव विविधता पर भी संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने बताया कि चारागाहों में विभिन्न किस्मों के चारे के बीजों की बुवाई से पशुधन को पर्याप्त पोषण मिल सकता है। साथ ही चारागाहों में बने चैकडेम और एनिकट जल एवं मृदा संरक्षण को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होते हैं। सुविचार अभियान के जरिये व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाई जा रही है ताकि ग्रामीण स्तर पर जैव विविधता संरक्षण की ठोस नींव रखी जा सके।
आरसीएम समूह एवं सरोज देवी फाउंडेशन के संरक्षक तिलोकचंद छाबड़ा ने कहा कि इस अभियान का बड़ा लक्ष्य गांवों में रोजगार बढ़ाना, पशुधन को समृद्ध करना और पलायन को रोकना है। उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीणों की आय के साधन नहीं बढ़ेंगे तब तक गांवों का विकास अधूरा रहेगा। इसलिए अभियान के जरिए फोकस गांवों पर ही रहेगा ताकि ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि जोशी जी के नेतृत्व में चलने वाले इस प्रयास से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी और युवाओं को गांव छोड़कर शहरों की ओर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सुविचार अभियान के समन्वयक महेश चंद्र नवहाल ने कहा कि जिले में चारागाह विकास और रसायन मुक्त खेती को लेकर व्यापक जनचेतना का आधार तैयार किया जा रहा है। गांव-गांव में समितियां गठित कर किसानों और पशुपालकों को प्रेरित किया जा रहा है। इस अभियान से जल संरक्षण की दिशा में भी ठोस प्रयास होंगे, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल संकट कम किया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद
