Madhya Pradesh

भगवत गीता से मिलती है कर्तव्य, आत्मज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलने की सीखः राजेन्द्र शुक्ल

भगवत गीता का जीवन बोध विषय पर आयोजित विचार संगोष्ठी

– भगवत गीता का जीवन बोध विषय पर आयोजित विचार संगोष्ठी में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री

भोपाल, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि भगवत गीता मानव जीवन का सर्वोच्च मार्गदर्शक ग्रंथ हैं, जिसके माध्यम से कर्तव्य, आत्मज्ञान, समत्व और भक्ति के मार्ग पर चलने की सीख मिलती है। भगवत गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है। कर्म, भक्ति व संन्यास योग को समेटे यह ग्रंथ आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पूर्व था।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल शुक्रवार को रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में भगवत गीता का जीवन बोध विषय पर आधारित विचार संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के पर्यावरण जीव विज्ञान विभाग के तत्वाधान में में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि हमारे शास्त्रों व पुराणों में जीवन बोध की व्याख्या है इन्हें अपने जीवन में उतारने से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि गीता हमें दिशा दिखाती है। अपनी संस्कृति व विरासत से जुड़कर ही विकास को वरदान बनाया जा सकता है।

शुक्ल ने कहा कि गीता में कहा गया है कि जो समाज के लिये नुकसान दायक हो उसे सजा देना आवश्यक है। आज वन्दे मातरम राष्ट्रगीत के 150 वें वर्षगांठ के अवसर पर भारत माँ के वीर सपूतों को नमन करने का भी दिन है जिनके बलिदान से हमें आजादी मिली।

कार्यक्रम में सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि गलत कार्य करने व दुराग्रह को पाल लेने से ही जीवन उन्नति की तरफ जाता है। नागरिक कर्तव्य बोध यह है कि गलत कार्य न करें व गलत कार्य न करने दें। कर्तव्य बोध ही गीता का ज्ञान है। उन्होंने लोगों से गीता को आत्मसात करते हुए सद्मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

विचार संगोष्ठी के मुख्यवक्ता गुजरात साहित्य परिषद के अध्यक्ष भागेश झा ने कहा कि भगवत गीता भारत के चिंतन का सार व सर्वस्व है। यह जीवन ग्रंथ है जो हर समय में प्रासंगिक है। भगवत गीता युद्ध शास्त्र के साथ-साथ जीवन जीना सिखाती है अच्छे व्यक्तियों के साथ रहने की सीख इससे मिलती है। उन्होंने कहा कि कर्म, ज्ञान व भक्ति का समन्वय गीता में है। इससे यह सीख मिलती है कि संघर्ष के समय भी प्रसन्न रहना चाहिए तभी भगवान आपके साथ रहेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों व उपस्थित जनों से कहा कि कर्म करें व आत्मविश्वास से भरे रहें। अच्छे कार्य के सुखद परिणाम मिलते हैं।

इस अवसर पर कुलपति सरदार बल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय आणंद प्रो. निरंजन पी पटेल ने कहा कि विकसित भारत का स्वप्न युवा अपनी खुली आंखों से देख सकेंगे। प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि कुटुंब प्रबंधन, नागरिक कर्तव्य, सामयिक समरसता, पर्यावरण व स्वबोध को जीवन में आत्मसात करें।

कुलगुरू प्रो. राजेन्द्र कुमार कुडरिया ने कहा कि जीवन बोध व गीता सार को जीवन में उतारें। उन्होंने विश्वविद्यालय में नवीन पाठ¬क्रम संचालन की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन कुल सचिव सुरेन्द्र सिंह परिहार ने किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ता कोल सहित प्रबुद्धजन, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। अतिथियों का शाल, श्रीफल, श्रीमद भगवत गीता व तुलसी का पौधा देकर संपन्न किया गया।

(Udaipur Kiran) तोमर