Uttrakhand

धर्म की हानि होने पर अवतरित होते हैं भगवान: विज्ञानानंद

Swami Vigyananand

हरिद्वार, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कृष्ण जन्म की कथा भगवान के घर आने का आवाहन है और कलयुग में गंगा तट से कथा सुनने वालों के परिवार में सुख, समृद्धि और सद्भाव का समावेश हो जाता है। वे आज दक्षनगरी के राजा गार्डन स्थित श्रीहनुमान मंदिर सत्संगहॉल में श्रीकृष्ण अवतार की कथा की अमृत वर्षा कर रहे थे।

भगवान श्रीकृष्ण के अवतार का हेतु समझाते हुए उन्होंने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है और असुर तथा अभिमानियों की संख्या बढ़ती है तो भगवान स्वयं अवतरित होकर धराधाम का कल्याण करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को श्रीहरि का संपूर्णावतारी बताते हुए उन्होंने कहा कि कन्हैया ने एक साथ दो माता और दो पिता को पुत्र रूप में दर्शन देकर धन्य किया तथा संपूर्ण जीवन परमार्थ में लगाकर भावी पीढ़ी को कर्म योगी बनने का संदेश दिया। पूतना, कंस और कालिया नाग को मारने के लिए तो वह किसी को भी भेज सकते थे, लेकिन महारास, गोवर्धन लीला, माखन लीला और स्वर्ग के देवताओं तथा ब्रजमंडल के गोप-गोपियों को जिस स्नेह की अनुभूति कराई उसे स्वयं श्रीहरि ही करा सकते थे।

राम जन्म के बिना कृष्ण जन्म की कथा अधूरी बताते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम ने पहले तो चतुर्भुज रूप में मां को दर्शन दिए, बाद में मां के आवाहन पर बाल रूप में प्रकट होकर अयोध्या को परमानंद की अनुभूति कराई। भागवत भक्तों को धर्मार्थ संस्था श्री रामकृष्ण मिशन के संतों ने अपने आशीर्वचनों से अभिभूत किया।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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