
लखनऊ, 20 जून (Udaipur Kiran) । भद्र शब्द का अर्थ दृढ़ सज्जन या सौभाग्यशाली होता है। भद्रासन का अभ्यास शरीर को दृढ़ रखता है एवं मस्तिष्क को स्थिरता प्रदान करता है। बलरामपुर चिकित्सालय के योग विशेषज्ञ डाॅ. नन्दलाल यादव ने (Udaipur Kiran) को बताया कि भद्रासन विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी है। उन्होंने बताया कि यह आसन महिलाओं के मासिक धर्म के समय अक्सर होने वाले पेट दर्द से मुक्ति प्रदान करता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को सामने की ओर खींचते हुए सीधा बैठें। यदि आपकी जंघाएं जमीन से नहीं लगी हुई हैं तो सहारे के लिए घुटनों के नीचे एक मुलायम तकिया रखना चाहिए।
अभ्यास विधि
1.दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर पीठ व कमर को सीधा रखते हुए बैठ जाएंं।
2.दोनों हाथों को नितंब के पास रखें। हथेलियां जमीन पर होनी चाहिए। यह स्थिति दण्डासन कहलाती है।
3.अब दोनों पैरों के तलवों को पास ले आएं।
4.श्ववास बाहर छोड़ते हुए पैरों के पंजों को हाथ से पकड़कर ढक दें।
5.श्ववास भरते हुए एड़ियों को मूलाधार क्षेत्र के जितना नजदीक हो सके ले आएं।
6.इस अवस्था में 10 से 30 सेकण्ड तक रूकें तथा सामान्य रूप से श्वास लेते रहें।
भद्रासन करने के लाभ
एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और दिमाग तेज होता है।
प्रजनन शक्ति बढ़ती है।
पाचन शक्ति ठीक रहती है।
पैर के स्नायु मजबूत होते हैं।
सावधानी
पुराने तथा अत्यधिक पीड़ा देने वाले आर्थराइटिस और साइटिका से ग्रसित व्यक्ति को इस अभ्यास को नहीं करना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
