Jharkhand

स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही करें लाभार्थी फाइलेरिया की दवा का सेवन : सचिव

स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों से बात करते स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रधान सचिव

रांची, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के निर्देश पर अब देश में फाइलेरिया से प्रभावित सभी राज्यों में प्रत्येक वर्ष दो चरणों में 10 फरवरी और 10 अगस्त को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) यानि सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम के अब दूसरे चरण में आगामी 10 अगस्त से नौ जिलों (चतरा, गोड्डा, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला, हजारीबाग, जामताड़ा, पलामू, लातेहार, दुमका) में तीन दवाओं डीईसी, अल्वेंडाजोल और आइवरमेक्टिन के साथ आईडीए राउंड चलाया जायेगा। झारखंड सरकार, लिम्फेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) के उन्मूलन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसी प्रतिबद्धता के तहत राज्य के अपर स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक बुधवार को हुई।

इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीरेन्द्र कुमार सिंह साथ ही अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, अजय कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि 10 अगस्त से आयोजित होने वाले एमडीए कार्यक्रम के दौरान राज्य स्तर से प्रखंड के हर गांव की आबादी तक होनेवाली वाली सभी गतिविधियां सही रूप से संपन्न कराएं। ताकि कार्यक्रम की सफलता में कोई भी कमी न रह जाये। उन्होंने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का वितरण बिल्कूल नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाये कि सभी लाभार्थी, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन प्राशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही करें।

फाइलेरिया की दवा का हो व्‍यापक प्रचार

उन्‍होंने कहा कि फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए एमडीए कार्यक्रम के दौरान दवा खाना कितना महत्वपूर्ण है, इसका प्रचार-प्रसार व्यापक रूप से होना चाहिए ताकि, समुदाय में इसके प्रति जागरूकता बढे।

उन्होंने शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, शहरी विकास विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग से एमडीए राउंड में सहयोग करने की अपील की। साथ ही अन्य विभाग जैसे आजीविका, पीएचईडी और अन्य सहयोगी विभागों की सहायता लेने की भी बात कही।

1.27 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य : डॉ बीरेंद्र

बैठक में, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि 10 अगस्त से नौ जिलों में चलने वाले अभियान में 80 चिन्हित प्रखंड की लगभग 1.42 करोड़ आबादी में से 1.27 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य- योजना और मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है। एमडीए राउंड के दौरान प्रत्येक दिन शाम में जिला और प्रखंड स्तर पर दवा सेवन की स्थिति पर बैठक कर जायजा लिया जाएगा।

वहीं, एमडीए राउंड के मध्य में राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक भी होगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है। फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम और उन्मूलन संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि समुदाय के सभी लोग पांच साल तक लगातार साल में केवल एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओ का सेवन करें तो राज्य से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है।

इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राज्य स्तरीय सलाहकार के साथ ही अन्य सहयोगी संस्थाओं विश्व स्वास्थ्य संगठन, पीरामल स्वास्थ्य और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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