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सुक्खू सरकार की दिवाली से पहले कर्मचारियों को बड़ी सौगात, दिहाड़ी और मानदेयों में बढ़ोतरी

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शिमला, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने प्रदेश के हजारों कर्मचारियों, दिहाड़ीदारों और पंचायत व शहरी निकाय प्रतिनिधियों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार ने विभिन्न वर्गों के मानदेयों और दिहाड़ी में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाकर जनसेवा से जुड़े हर व्यक्ति का सम्मान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में कार्यरत 21,115 मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी कर अब इसे 5000 रुपये मासिक कर दिया गया है। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। 877 एसएमसी सी एंड वी अध्यापकों का मानदेय 15,509 रुपये से बढ़ाकर 16,009 रुपये कर दिया गया है। 833 एसएमसी लेक्चरार और डीपीई का मानदेय 500 रुपये बढ़ाकर अब 19,378 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। 491 एसएमसी टीजीटी शिक्षकों का मानदेय भी बढ़कर 19,378 रुपये हो गया है, वहीं 62 एसएमसी जेबीटी का मानदेय 500 रुपये बढ़कर 13,762 रुपये कर दिया गया है। 31 वाटर कैरियर का मानदेय अब 500 रुपये बढ़कर 5500 रुपये हो गया है। इसके अलावा सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में भी 500 रुपये की वृद्धि की गई है।

दिहाड़ीदारों और पार्ट टाइम वर्करों को भी राहत देते हुए सरकार ने उनकी दिहाड़ी 25 रुपये बढ़ाकर अब 425 रुपये प्रतिदिन कर दी है। 1399 पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 500 रुपये बढ़ाकर उसे 8500 रुपये मासिक कर दिया गया है। 970 राजस्व चौकीदारों का मानदेय भी 500 रुपये बढ़ाकर 6300 रुपये कर दिया गया है। वहीं, 3304 लंबरदारों के मानदेय में 300 रुपये की वृद्धि करते हुए अब इसे 4500 रुपये किया गया है।

राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और शहरी निकायों में कार्यरत पदाधिकारियों के मानदेयों में भी बढ़ोतरी की है। अब जिला परिषद अध्यक्ष का मानदेय 1000 रुपये बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है, जबकि उपाध्यक्ष को भी अब 19,000 रुपये मिलेंगे। जिला परिषद सदस्यों का मानदेय 500 रुपये बढ़कर 8300 रुपये हो गया है। पंचायत समिति अध्यक्ष को अब 600 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 12,000 रुपये, उपाध्यक्ष को 9000 रुपये और सदस्य को 7500 रुपये मानदेय मिलेगा। ग्राम पंचायत प्रधान का मानदेय अब 300 रुपये बढ़कर 7500 रुपये, उपप्रधान का 5100 रुपये और सदस्य का 600 रुपये बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया गया है।

शहरी निकायों में भी मानदेयों में बदलाव किया गया है। नगर निगम के मेयर का मानदेय अब 25,000 रुपये होगा, जो पहले से 1000 रुपये अधिक है। डिप्टी मेयर का मानदेय 19,000 रुपये और पार्षदों का मानदेय अब 1000 रुपये बढ़कर 9400 रुपये प्रतिमाह हो गया है। नगर परिषद अध्यक्ष का मानदेय 600 रुपये बढ़कर 10,800 रुपये, उपाध्यक्ष का 500 रुपये बढ़कर 8900 रुपये और पार्षदों का मानदेय 300 रुपये बढ़कर 4500 रुपये कर दिया गया है। नगर पंचायत के अध्यक्ष का मानदेय अब 9000 रुपये, उपाध्यक्ष का 7000 रुपये और सदस्यों का मानदेय 4500 रुपये कर दिया गया है।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने स्पेशल पुलिस ऑफिसरों के मानदेय में भी 300 रुपये की वृद्धि की है। वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर अब 12,750 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। आईटी अध्यापकों के मानदेय में भी 500 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी कर्मचारियों की समस्याओं और जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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