
मंडी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मधु मांडव के अंतर्गत मंडी जिला के विकास खंड सराज की ग्राम पंचायत कांढा बगस्याड़ में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी थुनाग डॉ. मनु वर्मा ने की। प्रशिक्षण में विकास खंड सराज से 25 तथा विकास खंड गोहर से 10 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
डॉ. मनु वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि मधुमक्खी पालन न केवल ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करता है बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और परागण के माध्यम से कृषि उत्पादन बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार अपनाने तथा अन्य लोगों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ डॉ. राकेश राणा बागवानी, कांढा बगस्याड़, डॉ. नवीन ठाकुर बागवानी विकास अधिकारी, जंजैहली, आरसेटी के निदेशक सुरेंद्र कुमार, तथा मिशन कार्यकारी एनआरएलएम रविंद्र कुमार और अजय कुमार उपस्थित रहे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक ने बताया कि प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात ग्रामीण विकास विभाग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत लाभार्थियों को अपनी स्वयं की मधुमक्खी पालन इकाइयां स्थापित करने में सहयोग करेगा। मधु मांडव को इस वर्ष आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभिक आधार पर शुरू किया गया है। इस वर्ष यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विकास खंड बालीचौकी, सराज, करसोग और चुराग में आयोजित किए जाएंगे।
इधर, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि मधु मांडव पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के स्थायी साधन सृजित करना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थी आगे चलकर अपने स्वयं के मधुमक्खी पालन केंद्र स्थापित करें और अन्य ग्रामीणों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
