Uttar Pradesh

54 वर्षों बाद आखिर खुल गया बांकेबिहारी का तोशखाना

बांकेबिहारी मंदिर का ताशपाेश

कयासों और अफवाहों पर लगा विराम, चार बक्सों से चांदी और पीतल के मामूली सामान सहित दो सपोले निकले

सिविल जज जूनियर डिवीजन के अगले आदेश पर फिर खुल सकता है तोशखाना

मथुरा, 18 अक्टूबर(Udaipur Kiran News) । तमाम कयासों और अटकलों के बीच विश्व प्रसिद्ध ठा. बांकेबिहारी महाराज का तोशखाना शनिवार को 54 वर्षों बाद आखिर खुल गया। जिसमें चांदी और पीतल के कुछ मामूली सामान के साथ दो सपोले निकले। अब सिविल जज जूनियर डिवीजन के अगले आदेश के मुताबिक तोशखाने को फिर से खोला जा सकता है। इस दौरान प्रशासन और कमेटी द्वारा नियुक्त ऑडिट टीम की मौजूदगी में पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई।

ठा. बांकेबिहारी महाराज के खजाने के सोने, चांदी और जवाहरातों से लबरेज होने की अटकलों और कयासों के बीच भगवान का तोशखाना शनिवार दोपहर को लगभग 1 बजे खोला गया। जिसे खोलने से पूर्व टीम के अगुवा एडीएम प्रशासन डॉ. पंकज कुमार ने तोशखाने के दरवाजे का पूजन किया। इसके बाद तोषखाने में अंदर प्रवेश करने पर लकड़ी और लोहे के चार संदूक मिले। कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि चार संदूकों में से दो पर ताले नहीं लगे थे जबकि दो के ताले अभी खोले जाने बाकी हैं। इन संदूकों से एक चांदी का छत्र, कुछ पीतल के बर्तन तथा कुछ लकड़ी का सामान ही बरामद हो सका। इसके साथ ही वहां तीन सपोले भी मिले, जिनमें से एक भाग गया।

एडीएम प्रशासन ने बताया कि इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई तथा कमेटी द्वारा नियुक्त ऑडिट टीम मौजूद रही। अधिकांश कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, यदि आवश्यकता होगी तो सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेश के मुताबिक इसे पुनः खोला जायेगा। तोषखाना खोले जाने के दौरान हाई पावर्ड कमेटी के सदस्य विजय कृष्ण गोस्वामी, दिनेश गोस्वामी और शैलेन्द्रनाथ गोस्वामी भी इस दौरान मौजूद रहे। पांच बजे तहखाने को बंद कर बरामद सामान को तहखाने के अंदर मौजूद कमरे में ही रख दिया गया।

(Udaipur Kiran) / महेश कुमार

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