
देहरादून, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि हिंदू समाज के मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण समाप्त होना चाहिए और मंदिरों में अर्पित चढ़ावा हिंदू समाज के उत्थान, शिक्षा, संस्कार और सेवा कार्यों में ही उपयोग होना चाहिए। मंदिर हिंदू समाज की आस्था के केंद्र हैं अतः इनका संचालन भी समाज को ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विषय पर अनेक राज्य सरकारों से वार्ता चल रही है और निकट भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम आने की प्रबल संभावना है।
हल्द्वानी में मीडिया से बातचीत में बजरंगलाल बांगड़ा ने अवैध धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक समस्या नहीं बल्कि सामाजिक असंतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा विषय है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में पुराने धर्मांतरण कानून में किए गए संशोधन की सराहना की और कहा कि सभी राज्य सरकारें मजबूत धर्मांतरण कानून बनाएं ताकि समाज में असंतुलन व विघटन की स्थिति न उत्पन्न हो।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक शिक्षा बोर्ड का गठन किए जाने को भी स्वागत योग्य कदम बताया गया। साथ ही यह आग्रह किया कि केवल वही संस्थान अल्पसंख्यक घोषित हों, जिनमें न्यूनतम 50 प्रतिशत छात्र संबंधित अल्पसंख्यक समुदाय से हों।
विश्व हिंदू परिषद ने स्पष्ट किया कि मंदिर प्रबंधन, अवैध धर्मांतरण, जनसंख्या असंतुलन और शिक्षा व्यवस्था जैसे विषय केवल धार्मिक नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र की स्थिरता व सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दे हैं। विश्व हिन्दू परिषद ने सरकारों से ठोस कदम उठाने की अपील करते हुए हिंदू समाज को भी जागरूक और संगठित रहने का आह्वान किया हैं।
इस अवसर पर प्रांत उपाध्यक्ष दिवान सिंह फर्त्याल, प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार, प्रांत संयोजिका पूजा लटवाल, विभाग मंत्री पीयूष शर्मा, विभाग संगठन मंत्री नंद किशोर, विभाग संगठन मंत्री मनोज पाटिल, जिला उपाध्यक्ष पीयूष शर्मा, जिला मंत्री गिरीश पड़लिया, जिला सहमंत्री गिरीश पांडे, जिला संयोजक अंकित पाल, सहसंयोजक अंकित पड़लिया, प्रांत प्रमुख, प्रचार प्रसार विभाग, विश्व हिन्दू परिषद, पंकज चौहान राम अवस्थी, मीरा क्षोत्रिय आदि प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
