
नारनाैल, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । नारनौल में नायलॉन, प्लास्टिक या किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री से बने पतंग उड़ाने वाले धागे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बुधवार को जिलाधीश डा. विवेक भारती ने एक आदेश पारित कर स्पष्ट किया है कि महेंद्रगढ़ जिले में पतंग उड़ाने के लिए किसी भी प्रकार के नुकीले धागे, जैसे कांच, धातु या किसी अन्य नुकीली सामग्री से युक्त धागे का उपयोग वर्जित है। पतंग उड़ाने की अनुमति केवल सूती धागे से दी जाएगी, जो किसी भी प्रकार के नुकीले कांच के घटकों, चिपकने वाले पदार्थों, धागे को मजबूत करने वाली सामग्री से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाने के दौरान पतंगबाजी प्रतियोगिता या अन्य किसी कारण से कई पतंगें आसमान में कट जाती हैं। ये सभी कटे हुए धागे पतंगों के साथ ज़मीन पर ही रह जाते हैं। पक्का धागा और चीनी मांझा के उपयोग के कारण मानव और पक्षियों को गंभीर चोट या मृत्यु होने के खतरे के साथ-साथ वन्यजीवों और पर्यावरण को भी नुकसान होता है। ऐसे पतंग उड़ाने वाले धागों का व्यापक उपयोग प्रतिबंधित किया गया है।
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
