
जयपुर, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 में चयनित होकर बीते सात माह से काम कर रहे कनिष्ठ लेखाकारों को संशोधित परिणाम के चलते हटाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख वित्त सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और राजस्व मंडल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति की सिफारिश वापस लेने वाले गत 4 सितंबर और उन्हें रिलीव करने वाले 12 सितंबर के आदेश की क्रियान्विति पर भी रोक लगाई है। अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह चाहे तो याचिका में जवाब पेश करने के बाद अंतरिम रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर सकती है। जस्टिस मनीष शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश टिंकू कुमार मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र लोढ़ा और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 भर्ती निकाली थी। जिसमें याचिकाकर्ताओं को पात्र घोषित कर मेरिट में आने पर नियुक्ति दी गई। याचिका में कहा गया कि बीटेक और आरएससीआईटी की डिग्री के विवाद के चलते चयन बोर्ड की ओर से भर्ती का संशोधित परिणाम जारी किया गया। जिसके चलते याचिकाकर्ताओं को मेरिट से बाहर कर दिया और उनकी नियुक्ति की सिफारिश को भी बोर्ड ने वापस ले लिया। वहीं इसके आधार पर उन्हें रिलीव कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने भर्ती में किसी तरह की धांधली नहीं की और नियमानुसार उनका चयन हुआ है। याचिकाकर्ता बीते सात माह से सफलतापूर्वक अपने पद पर काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भर्ती में करीब 62 पद अभी भी रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को सेवा से हटाना गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
