
जयपुर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के 19 सितंबर के उस आदेश की क्रियांविति पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें परकोटे में अवैध तौर पर चिन्हित 19 भवनों को सील करने का निर्देश दिया था। वहीं मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सहित अन्य से चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह निर्देश मै. श्री अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी व अन्य की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने कमिश्नर को चिन्हित 19 भवनों को सील करने का निर्देश दिया है। जबकि कमेटी ने अदालत के 9 अप्रैल 2025 के आदेश की पालना में अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। ऐसे में हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाई जाती है। एसएलपी में कहा कि हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल के आदेश से पीएस यूडीएच की अध्यक्षता में बनी कमेटी को इन भवनों के प्रतिनिधियों की व्यक्तिगत सुनवाई करने के लिए कहा था। साथ ही इसकी रिपोर्ट दो महीने में पेश करने का निर्देश दिया था। अभी तक इस कमेटी की रिपोर्ट पेश नहीं हुई है, लेकिन उसके बाद भी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने प्रार्थी सहित 19 भवनों को सील करने का निर्देश दिया है जो गलत है। इसलिए हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने शहर के परकोटे में आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार व नगर निगम से रिपोर्ट देने के लिए कहा था। अदालत ने कहा था कि रिहायशी इलाके में व्यावसायिक गतिविधियां चलाना पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। वहीं हाईकोर्ट ने पूर्व में माना था कि ये 19 भवन पूरी तरह से अवैध हैं और अदालत ने इस संबंध में प्रमुख यूडीएच सचिव की कमेटी बनाकर उसे रिपोर्ट देने के लिए कहा था। वहीं 12 भवनों को आंशिक तौर पर अवैध माना था।
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(Udaipur Kiran)
