West Bengal

कंसाबती नदी पर अमदई-कंकाबती घाट का बांस का पुल टूटा, दो जिलों के बीच संपर्क बाधित

कंसाबती नदी पर अमदई-कंकाबती घाट का बाँस का पुल टूटा, दो जिलों के बीच संपर्क बाधित

झाड़ग्राम, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

कंसाबती नदी पर बने अमदई-कंकाबती घाट का बांस का पुल हाल ही में भारी बारिश और नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण टूट गया है। इसके कारण पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिले के चुबका ग्राम पंचायत इलाके का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।

मानिकपाड़ा, सरडिहा और चुबका ग्राम पंचायत के निवासी अब नाव से नदी पार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, खालशिउली होकर मानिकपाड़ा जाने वाले रास्ते में पर्याप्त बसें नहीं हैं, जिससे यातायात की समस्या और बढ़ गई है।

हर साल अमदई-कंकाबती घाट के बीच फेयर वेदर ब्रिज (अस्थायी बांस का पुल) बनाया जाता है, लेकिन मानसून में जलस्तर बढ़ने से यह टूट जाता है। इस बार भी चुबका के अमदई इलाके में यह बांस का पुल बह गया है।

इस पुल से होकर स्थानीय लोग अपेक्षाकृत कम समय में मेदिनीपुर पहुंच जाते थे। अब स्कूली छात्र, कॉलेज के विद्यार्थी, शिक्षक, कार्यालय कर्मी और व्यापारी सभी को नाव के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। व्यापारी भारी माल लेकर नाव से पार कर रहे हैं, जिससे काफी जोखिम उठाना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासी 37 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर पश्चिम मेदिनीपुर पहुंच रहे हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है। इस असुविधा से लोगों में गहरा रोष है।

झाड़ग्राम पंचायत समिति के सदस्य पूर्ण राणा ने कहा कि अमदई और कंकाबती घाट पर स्थायी पुल की बेहद जरूरत है। स्थानीय लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्यालय और बाजार के लिए रोज पश्चिम मेदिनीपुर जाते हैं। सड़क मार्ग पर बसों की संख्या भी बहुत कम है।

मानिकपाड़ा के निवासी और झाड़ग्राम जिला श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष महाशिष महतो ने कहा कि इलाके के कई लोग पश्चिम मेदिनीपुर में दिहाड़ी मजदूरी करने जाते हैं। व्यापारी भी भारी सामान लेकर बाजार जाते हैं, लेकिन नाव से पार करना बेहद कठिन हो गया है।

उन्होंने कहा कि मानिकपाड़ा से खालशिउली और साहाचक तक सड़क तो अच्छी बनी है, लेकिन उस रूट पर बस सेवा नाम मात्र की है। नदी और सड़क मार्ग दोनों से यातायात बेहद कठिन होता जा रहा है।

जिला परिषद की सभापति चिन्मयी मरांडी ने बताया कि केंद्र सरकार ने अमदई-कंकाबती घाट पर पुल निर्माण को लेकर रिपोर्ट माँगी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लोक निर्माण विभाग के साथ चर्चा की गई है।

जिला परिषद द्वारा खालशिउली रूट पर बसों की संख्या बढ़ाने की दिशा में भी प्राथमिक स्तर पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की आवाजाही में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

सांसद कालिपद सोरेन ने भी लोकसभा में स्थायी पुल निर्माण की मांग उठाई थी।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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