
बालुरघाट, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
महज दो सप्ताह बाद शुरू हो रही बंगाल की सबसे बड़ी सांस्कृतिक-धार्मिक आयोजन दुर्गा पूजा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराने के लिए बालुरघाट जिला प्रशासन और पुलिस ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। खासतौर पर प्रतिमा विसर्जन को लेकर इस बार कड़े नियम लागू होंगे ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना को टाला जा सके।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्तिक चंद्र मंडल ने बताया, “दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कहीं भी नहीं किया जा सकेगा। केवल प्रशासन द्वारा चिह्नित नदी और तालाब में ही प्रतिमा विसर्जन होगा। पिछली बार विसर्जन के दौरान दुर्घटना हुई थी। इसलिए इस बार तय किया गया है कि केवल चिन्हित स्थानों पर ही विसर्जन की अनुमति दी जाएगी। साथ ही, तैरना न जानने वाले किसी भी व्यक्ति को विसर्जन के लिए जलाशय में उतरने की इजाजत नहीं होगी। हमारा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि पूजा को लेकर कोई अप्रिय घटना न घटे।”
शुक्रवार शाम बालुरघाट जिला प्रशासनिक भवन परिसर स्थित ‘बालु-छाया’ सभागार में आयोजित समन्वय बैठक में जिला शासक बिजिन कृष्णा, पुलिस अधीक्षक चिन्मय मित्तल, जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुदीप दास, एसडीपीओ दीपांजन भट्टाचार्य समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अग्निशमन और विद्युत विभाग के कर्मी भी शामिल हुए। इस अवसर पर पूजा आयोजकों को सरकारी वित्तीय अनुदान का चेक सौंपा गया।
प्रशासन ने साफ कर दिया कि पूरे जिले में डीजे पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा और सभी क्लबों को प्रशासनिक गाइडलाइन का पालन करना होगा। इस बार जिलेभर के कुल 561 पूजा आयोजकों को आर्थिक अनुदान दिया जा रहा है।
बरसात पूरी तरह खत्म न होने के कारण डेंगू-नियंत्रण के तहत मंडप प्रांगण की विशेष सफाई का निर्देश भी जारी किया गया है। दुर्गा पूजा के दौरान जिले में लगभग सात हज़ार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वहीं, भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए बालुरघाट शहर में टोटो वाहनों के लिए विशेष मार्ग तय किए जाएंगे ताकि दर्शकों को सुगमता से पूजा दर्शन का अवसर मिल सके।
प्रशासन और पुलिस का स्पष्ट कहना है कि कड़े नियमों और निगरानी से बालाुरघाट के हर नागरिक को इस बार का दुर्गा उत्सव शांतिपूर्ण और आनंदमय माहौल में मनाने का अवसर
मिल सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
