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बलूच राजी आजोई संगर ने पाकिस्तान सेना के मुख्य शिविर पर हमले की जिम्मेदारी ली, 22 सैनिकों को मारने का दावा किया

अमीर उर्फ बाबा। फोटो- द बलूचिस्तान पोस्ट

इस्लामाबाद, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ‘स्वतंत्रता समर्थक’ सशस्त्र समूहों के प्रमुख गठबंधन बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) ने रविवार को पंजगुर के मतिन गोरान इलाके में पाकिस्तान सेना के मुख्य शिविर पर हमले की जिम्मेदारी ली। बीआरएएस ने दावा किया कि पाकिस्तान सेना के मुख्य शिविर में उसके हमले में कम से कम 22 सैन्यकर्मी मारे गए और कैप्टन ओसामा सहित 14 से अधिक घायल हो गए।

द बलूचिस्तान पोस्ट की खबर के अनुसार, बीआरएएस के प्रवक्ता बलूच खान ने बयान में कहा कि शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे लड़ाकों ने गोरान में 91 विंग के केंद्रीय शिविर और उससे सटी चौकियों पर तीन तरफ से हमला किया। पाकिस्तान की सेना से लड़ाकों का यहां संघर्ष दो घंटे तक चला। इस दौरान बीआरएएस के लड़ाकों ने दो प्रमुख चौकियों और शिविर के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया। इस हमले में पाकिस्तान सेना को भारी नुकसान हुआ। लड़ाकों ने हथियार, गोला-बारूद और कलाश्निकोव, जी 3 राइफलें, मशीन गन, नाइट विजन डिवाइस और थर्मल स्कैनर सहित अन्य उपकरण छीन लिए।

बीआरएएस प्रवक्ता ने कहा कि उसकी इकाइयों ने अतिरिक्त सैन्य बल को रोकने के लिए सीपीईसी मार्ग को दो जगहों पर अवरुद्ध कर दिया। पाकिस्तान सेना घेरे गए अपने सैनिकों की मदद करने में विफल रही। बयान में कहा गया कि लड़ाकों ने निगरानी कैमरे नष्ट कर दिए। इससे दुश्मन के खुफिया ढांचे को और नुकसान पहुंचा। संगठन ने दावा किया कि एक कब्जे वाली चौकी पर तीन सैन्यकर्मियों को घेर लिया गया था। अग्रिम पंक्ति के लड़ाके अमीर उर्फ बाबा ने सैनिकों को बिना खूनखराबे के आत्मसमर्पण के लिए मनाने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें पीछे से गोली मार दी गई। इससे उनकी मौत हो गई। यह घमासान रविवार तक चला। बीआरएएस के लड़ाकों ने पाकिस्तान सेना के कम से कम 22 सैन्यकर्मियों को ढेर कर दिया। हमले में कैप्टन ओसामा सहित 14 से अधिक घायल हो गए।

प्रवक्ता के अनुसार, केच के होशाब इलाके के उर्ज मोहम्मद बाजार निवासी और आसमी के बेटे अमीर, 2014 में बलूच लिबरेशन आर्मी में शामिल हुए और शहरी और पहाड़ी दोनों इकाइयों में सेवा की। प्रवक्ता ने कहा कि अमीर उर्फ बाबा और अन्य लड़ाकों का बलिदान हमारे संघर्ष की नींव है। दुश्मन की पूर्ण हार और बलूचिस्तान की मुक्ति तक लड़ाई जारी रहेगी।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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