Uttrakhand

बलि जीतन इक गयेहूं पताला, राखी बांधी हो जहां घुड़शाला

पौड़ी रामलीला मंचन में  अभिनय करते कलाकार

पौड़ी गढ़वाल, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।रामलीला मंचन में रावण अंगद संवाद में सुन रावण, रावण जग जीते, मैं निज श्रवण सुना सुन तेते। बलि जीतन इक गयेहूं पताला, राखी बांधी हो जहां घुड़शाला के इस गायन ने दशकों की खूब ताली बटोरी। मेघनाद लक्ष्मण युद्ध में मेघनाद का चारों दिशाओं में अचानक गायब होकर प्रकट होना दर्शकों के बीच कौतूहल का विषय रहा।

लक्ष्मण शक्ति में मेघनाद के बाण का वायु मार्ग से आकर लक्ष्मण को लगाना दर्शकों को काफी भाया साथ ही हनुमान जी का वायु मार्ग से संजीवनी बूटी लाने का दृश्य दर्शकों को रोमांचित कर गया। इन दृश्यों को प्रस्तुत करने वाली टीम में प्रदीप रावत, कुलदीप गुसाईं, मुकुल शर्मा, प्रदीप कंडारी, मनीष लिँगवाल, दीपक बिष्ट, नरेंद्र सिंह नेगी की मुख्य भूमिका रही।

रामलीला मंचन के दसवें दिन रामलीला की शुरुवात हनुमान की आरती जय दुःख भंजन, मारुति नंदन से हुई। भाव नृत्य में सह नृत्य निर्देशक पावनी बहुगुणा ने शानदार प्रस्तुति दी। रामलीला सेतुबंध रामेश्वर निर्माण, राम समुद्र संवाद, अंगद रावण संवाद, मेघनाद लक्ष्मण युद्ध, लक्ष्मण शक्ति, राम विलाप, सुषेण वैद्य का आना, हनुमान जी का संजीवनी बूटी लाना, लक्ष्मण की मूर्छा टूटना तक मंचित की गई। समुद्रदेव की भूमिका में गोपाल नेगी,अंगद की भूमिका में हिमांशु चौहान के अभिनय की दर्शकों ने खूब तारीफ की । मेघनाद की भूमिका में अंकित, नेगी का अभिनय शानदार रहा।

मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल किशोर रावत ने रामलीला के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि नागरिकों द्वारा एकजुट होकर आयोजन करना और उसे आम जनमानस के बीच रोचक बनाना काबीले तारिफ है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में नेत्र ज्योति संस्थान के नृपेक्ष तिवारी ने रामलीला समिति के द्वारा 125 वर्षों के आयोजन को अभूतपूर्व बताया। इस मौक पर जिला पंचायत सदस्य टीला शिव चरण नौटियाल, अंकित काला आदि शामिल रहे।

(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह

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