HimachalPradesh

आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय : बलदेव तोमर

नाहन  में आपातकाल के 50 वे वर्ष पर हुआ प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन।

नाहन, 25 जून (Udaipur Kiran) । आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिला भाजपा द्वारा नाहन में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता एवं शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने मीडिया को संबोधित किया। तोमर ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र का काला अध्याय बताते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार आपातकाल केवल तीन परिस्थितियों – बाहरी आक्रमण, आंतरिक विद्रोह और आर्थिक संकट में लगाया जा सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि इससे पहले भारत में दो बार आपातकाल लगाया गया था: पहली बार 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान और दूसरी बार 1971 में पाकिस्तान युद्ध के समय।

उन्होंने कहा कि 1975 का आपातकाल इन दोनों से अलग था क्योंकि उस समय न तो युद्ध की स्थिति थी, न ही कोई आंतरिक विद्रोह। बलदेव तोमर ने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने सत्ता के लोभ में राष्ट्रपति पर दबाव डालकर आपातकाल थोप दिया था।

तोमर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भी पार्टी उसी मानसिकता के साथ कार्य कर रही है, जहां एक ही परिवार के आदेश चलते हैं और कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्री भी उन्हीं के निर्देशों पर काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विशेषकर युवा पीढ़ी को आपातकाल के समय की सच्चाई से अवगत करा रही है, ताकि वे उस दौर के इतिहास को जान सकें और लोकतंत्र के महत्व को समझ सकें।

(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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