Madhya Pradesh

बालाघाटः नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 403 घरों में पहुंची बिजली की रोशनी

बालाघाटः नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 403 घरों में पहुंची बिजली की रोशनी

बालाघाट, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं जनजातीय बहुल ग्रामों में विद्युतीकरण के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। कलेक्टर मृणाल मीना के निर्देश पर मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा जिन घरों में बिजली की सुविधा नहीं है, उन घरों में बिजली की रोशनी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधीक्षण यंत्री अमित कुमार ने बताया कि बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित एवं जनजातीय गांवों की बसाहटों के अविद्यु‍तीकृत घरों में विद्युतीकरण कार्य के लिए भारत सरकार के धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत सर्वे का कार्य किया गया है। सर्वे के पश्चा्त जिले के 216 गांवों में 1022 बिजली कनेक्शन के लिए लाईन विस्तार के माध्यम से एवं 78 परिवारों में सोलर के माध्यम से बिजली की रोशनी पहुंचाने का कार्य प्रस्तावित है । इस कार्य पर 01 करोड़ 76 लाख रुपये की राशि खर्च होना है।

अधीक्षण यंत्री अमित कुमार ने बताया कि धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत अब तक परसवाडा विकासखंड के ग्राम आमवाही, बड़गांव, बारिया, चनई, डोरा, फंडकी, घोड़ादेही, केशा, खलोंडी, खर्रा, नाटा, सुकड़ी के कुल 403 जनजातीय परिवारों के घरों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है । इस कार्य को 30 नवंबर 2025 तक विभाग द्वारा पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। दुर्गम क्षेत्र के ग्रामों तक घने वनों के बीच से बिजली की लाईन पहुंचाने का कार्य कठिन परिश्रम के साथ किया जा रहा है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं जनजातीय बहुल ग्रामों के घरों में बिजली पहुंचने से हितग्राही परिवारों के घरों का अंधियारा दूर हुआ है और बिजली की रोशनी उनके जीवन को खुशहाल बना रही है। घर में बिजली पहुंचने से 403 परिवारों के जीवन में भी बदलाव आ रहा है। अब उन्हें रात के समय घर में रोशनी के लिए मिट्टी तेल या अन्य साधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। बिजली पहुंचने से उनके बच्चों को रात में पढ़ाई के लिए समय और अच्छा वातावरण मिलने लगा है। बिजली की सुविधा होने से वे संचार के साधनों का भी सुगमता से उपयोग करने लगे हैं। अब उन्हें मोबाईल को चार्ज करने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ता है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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