नई दिल्ली, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । मानसून की विदाई को एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाने के लिए दिल्ली में पहली बार ‘बदरिया : ए मॉनसून फेयरवेल फेस्टिवल’ का आयोजन किया जा रहा है। यह अनूठा उत्सव माता चकेरी देवी फाउंडेशन और दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसमें दिल्ली सरकार की मैथिली-भोजपुरी अकादमी सहयोगी भूमिका निभा रही है। यह कार्यक्रम 1 सितंबर 2025 को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में शाम 4 बजे से आरंभ होगा। यह जानकारी शुक्रवार दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री के कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में दी गई है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि होंगी और कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके साथ ही अन्य मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को भी इस भव्य सांस्कृतिक उत्सव में आमंत्रित किया गया है।
फेस्टिवल में पद्मश्री मालिनी अवस्थी अपनी थुमरी, कजरी और अन्य लोक धुनों की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी। समृद्धि पाठक और सान्वी पाठक मैथिली लोकगीत गाएंगी, जबकि वाद्य यंत्रों पर रिम्पा शिव तबला, वैष्णवी जोशी बांसुरी और मेघा राउत सितार की प्रस्तुतियां देंगी। ये प्रस्तुतियां बिहार और उत्तर प्रदेश की लोक परंपरा और संगीत की गहराई को जीवंत करेंगी।
‘बदरिया’ की प्रेरणा भारतीय परंपरा में मानसून के सांस्कृतिक महत्व से ली गई है। कालिदास के ‘मेघदूत’ जैसे साहित्यिक कृतियों से लेकर लोक गीतों तक मानसून हमेशा खुशी, विरह और सृजन का प्रतीक रहा है। इस फेस्टिवल के माध्यम से सावन-भादो के पारंपरिक गीत, लोक नृत्य और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां होंगी, जो शहरी दर्शकों को ग्रामीण जीवन, शिल्पकला और लोक परंपराओं से जोड़ेंगी।
यह उत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। दिल्ली जैसे व्यस्त महानगर में यह कार्यक्रम लोगों को प्रकृति, संगीत और परंपरा से जोड़ने का माध्यम बनेगा। आयोजकों का विश्वास है कि ‘बदरिया’ जैसे फेस्टिवल भारतीय सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
