Uttrakhand

नीलकंठ में चालीस लाख श्रद्धालु कर चुके बाबा के दर्शन

पौड़ी गढ़वाल, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । कांवड़ यात्रा के दौरान नीलकंठ महादेव मेला क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति और जन सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए जल संस्थान की ओर से यात्रा मार्ग पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की गयी है। वहीं नगर पंचायत जौंक-स्वर्गाश्रम की ओर से निकाय क्षेत्र में सफाई की चुस्त व्यवस्था की गयी है।

जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी के साथ -साथ उप जिलाधिकारी, जोनल, सेक्टर मजिस्ट्रेट, विभागीय अधिकारी लगातार निरीक्षण कर संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी सुनिश्चित कर रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधा प्रदान की जा सके।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए नीलकंठ मंदिर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

यहां जल संस्थान, ऊर्जा निगम, जिला पंचायत के कर्मचारियों के साथ आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की तैनाती की गयी है। इसके अलावा कांवड़ यात्रा की अपडेट जानकारी हेतु बनाए गए व्हाट्सऐप ग्रुप द्वारा जो भी सूचना अथवा शिकायत प्राप्त होती है, उसके निस्तारण हेतु त्वरित गति से कार्रवाई की जा रही है।

उप जिलाधिकारी यमकेश्वर अनिल चन्याल ने बताया कि यात्रा मार्ग पर छह हजार, तीन हजार और दो हजार लीटर क्षमता के 5 टैंकर जलापूर्ति के लिए लगाये गये हैं। इन टैंकरों ने 72 हजार लीटर जलापूर्ति की।

इसके अलावा एक हजार लीटर के पांच पीवीसी टैंक मंदिर, जिला पंचायत, पुण्डरासू चौक और पैदल मार्ग पर रखे गये हैं। साथ ही 500 लीटर के दो टैंक बैकअप में रखे गये हैं। क्षेत्र में पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए 10 जुलाई से जल संस्थान के पंप 24 घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि समय-समय पर जो योजनाओं में दिक्कत आ रही है, उनकी तत्काल मरम्मत की जा रही है। बताया कि नीलकंठ यात्रा में सफाई व्यवस्था हेतु जिला पंचायत के 65 तथा नगर पंचायत के 35 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गयी है। साथ ही स्वच्छता समिति तोली द्वारा भी 30 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गयी है।

शिव भक्तों की जन सुविधा के लिए गरुड़चट्टी, बाघखाला, मौनी बाबा तिराहा और जानकी सेतु के समीप मोबाइल टॉयलेट स्थापित किये गये हैं। मेला क्षेत्र में नियमित रूप से ब्लीचिंग पाउडर और कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही यात्रा मार्ग पर 30 अस्थायी मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की गयी है। बाघ खाला में खोया पाया केंद्र स्थापित किया गया है। यह केंद्र मेले में बिछड़े लोगों को मिलाने और छूट गये सामान को वापस दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां अभी तक लगभग 150 श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलाया जा चुका है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर सूचनाओं के प्रसार के लिये पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी विकसित किया गया है।

(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह

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