
नाहन, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । सिरमौर जिला में स्थित बाबा बड़ोलिया मंदिर आस्था और विश्वास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। प्राकृतिक झरनों के बीचोंबीच स्थित यह मंदिर जहां धार्मिक महत्व रखता है, वहीं इसका प्राकृतिक सौंदर्य भी लोगों को आकर्षित करता है।
इस मंदिर का मुख्य भवन ऊपरी हिस्से में स्थित है, जहां से एक झरना बहता है और निचले मंदिर के पीछे गिरता है। खास बात यह है कि मॉनसून के दौरान झरना कई बार नीचे के मंदिर पर भी गिरता है लेकिन अब तक मंदिर को कभी कोई नुकसान नहीं हुआ, जो इसे एक चमत्कारी स्थल की पहचान देता है।
स्थानीय किंवदंती के अनुसार इस स्थान पर दो पत्थरों पर लस्सी और सत्तू प्रकट होते थे, जिनका राहगीर सेवन करते थे। बड़ोलिया देवता, जो धारटीधार क्षेत्र के प्रसिद्ध देव माने जाते हैं, का प्राचीन मंदिर भी इसी स्थान के ऊपर स्थित है, जहां आज भी ग्रामीण पूजा-अर्चना करते हैं।
यहां वर्षभर श्रद्धालु पहुंचते हैं और मान्यता है कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर के समक्ष पुल से गुजरने वाले वाहन भी रुककर श्रद्धा से शीश नवाते हैं।
इस वर्ष जब हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही मची हुई है, तब भी यह मंदिर झरनों के बीच सुरक्षित और अडिग खड़ा है। चारों ओर से बहते पानी के बीच स्थित यह मंदिर एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक चमत्कार की मिसाल पेश कर रहा है।
यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का स्थल बनता जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
