
कानपुर, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की तैयारियों को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 23 सितम्बर को 10वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इसकी थीम “आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए” तय की गई है।
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम सरसैया घाट पर होगा, जहाँ आयुर्वेदिक प्रदर्शनी भी लगेगी। प्रदर्शनी में औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों, पंचकर्म और योग से जुड़े स्टॉल लगाए जाएंगे। लोग विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे। वहीं सभी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में स्वास्थ्य शिविर, योग सत्र, औषधीय पौधों का वितरण और जागरूकता गतिविधियाँ होंगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आयुर्वेद हमारी अमूल्य धरोहर तथा स्वस्थ एवं संतुलित जीवनशैली का आधार है। हल्दी, दालचीनी, तेजपत्ता जैसे मसाले और तुलसी व एलोवेरा जैसे पौधे हमारी दिनचर्या का हिस्सा हैं, जिनमें औषधीय गुण निहित हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि हम लोग अपनी परम्परा को पहचानें और जानें कि उनके आसपास कितनी प्राकृतिक सम्पदा मौजूद है। आयुर्वेद केवल व्यक्ति नहीं बल्कि पशु-पक्षियों, पौधों और पर्यावरण का भी संरक्षक है।
जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि मोटापे के लिए आयुर्वेद आहार, डिजिटल युग में आयुर्वेद, भ्रामक विज्ञापनों से बचाव, एकीकृत कैंसर देखभाल और छात्रों के लिए जागरूकता जैसे विषयों पर कार्यशालाएं, संगोष्ठियाँ और प्रतियोगिताएं हों। विद्यालयों में क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित कर छात्रों को आयुर्वेद का महत्व समझाया जाएगा।
समीक्षा बैठक में प्रमुख रूप से मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह, बीएसए सुरजीत सिंह, डीपीआरओ मनोज कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
