
जयपुर, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) जयपुर की विशेषज्ञ टीम द्वारा आयुर्वेद दिवस 2025 के उपलक्ष्य पर राजकीय महाविद्यालय, कंवर नगर, ब्रह्मपुरी, जयपुर में हृदय रोगों की रोकथाम और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) पर एक विशेष जागरूकता एवं प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से जुड़े विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान की कायचिकित्सा विभाग से डॉ. अभिषेक उपाध्याय ने किया। टीम में डॉ. देवल केवड़िया, डॉ. नेहा खंडेलवाल, डॉ. पूनम पांडेय, डॉ. कोमल गुप्ता तथा डॉ. नम्रता अथनेरे ने सक्रिय सहभागिता दी।
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य युवाओं को हृदय संबंधी विकारों के प्रति जागरूक करना, उनकी बढ़ती प्रवृत्ति पर ध्यान आकृष्ट करना तथा समय पर प्राथमिक उपचार एवं जीवन रक्षक तकनीकों की महत्ता को समझाना था।
प्रो. एच.एम.एल. मीणा, विभागाध्यक्ष, कायचिकित्सा, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के द्वारा कहा गया कि हृदय रोग वर्तमान समय में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रहा हैं। इनके प्रबंधन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका प्राथमिक रोकथाम की होती है। यदि आमजन को समय रहते सही जानकारी, जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन, और आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की जानकारी प्रदान की जाए, तो अनेक जीवन बचाए जा सकते हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल युवाओं को सशक्त बनाते हैं, बल्कि एक जागरूक और सक्षम समाज के निर्माण की दिशा में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इस प्रशिक्षण के तहत छात्रों को कार्डियक अरेस्ट जैसी आपात स्थिति में तत्परता और दक्षता के साथ कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने बताया कि भविष्य में इस प्रकार की स्वास्थ्य जागरूकता एवं बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण से संबंधित गतिविधियां राजस्थान के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और क्षेत्रों में क्रमबद्ध रूप से आयोजित की जाएगी, ताकि व्यापक रूप से समस्त नागरिकों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके और आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन रक्षक उपायों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए सामूहिक क्षमता विकसित हो सके।
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(Udaipur Kiran)
