पौड़ी गढ़वाल, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । डॉ. बी.जी.आर. परिसर, एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय, पौड़ी में 15 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने लोकतंत्र की महत्ता, नागरिक जिम्मेदारियों और सामाजिक समस्याओं पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम में परिसर निदेशक प्रो. उमेश चंद्र गैरोला ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां हमें अपने विचार रखने और निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिलता है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए नागरिकों को शिकायत पोर्टल्स और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सही उपयोग करना चाहिए, ताकि प्रशासनिक समस्याओं का समाधान शीघ्र हो सके।
मुख्य वक्ता सिविल जज नाजिश कलीम ने कहा कि लोकतंत्र तभी सशक्त बनता है जब नागरिक जागरूक और जिम्मेदार हों। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे समाज की समस्याओं को समझें और सक्रिय भूमिका निभाएं।
डा. आशीष गुसाईं ने नशे की समस्या को एक मानसिक बीमारी बताते हुए कहा कि जब किसी व्यक्ति को नशे की इतनी लत लग जाए कि वह स्वयं को नियंत्रित न कर पाए, तो उसे बीमार की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे लोगों के लिए डि-एडिक्शन सेंटर मौजूद हैं और परिवार और समाज के सहयोग से नशा छुड़ाना संभव है।
प्रो. अनुप डोबरियाल ने अपने संदेश में भारतीय संविधान की महत्ता और मतदान के अधिकार के उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक का मत अमूल्य है और इसका सही उपयोग ही एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है।
एसआई प्रवीण रावत ने युवाओं को नशे से दूर रहने और नागरिक अधिकारों के प्रति सजग रहने की सलाह दी। उन्होंने साइबर क्राइम, विशेषकर फाइनेंशियल फ्रॉड के खतरों पर चर्चा की और कहा कि लोकतांत्रिक समाज में जागरूक नागरिक ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज कुमार, सहायक आचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अतुल सैनी, सहायक आचार्य, भूगोल विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में प्रो. रिहाना जैदी, प्रो. अनूप पांडेय, प्रो. रेखा नेथानी, डॉ. पुनम बिष्ट, डॉ. धर्मेन्द्र, डॉ. विपुल, डॉ. अनिल दत्त, डॉ. सपना रावत, डॉ. जया उनियाल, डॉ. स्वाति सहित समस्त छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों ने भाग लिया और विषय पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति विश्वास, नागरिक अधिकारों की समझ और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना था।
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
