HimachalPradesh

मंडी के नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित होगी अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी

राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर एसपी मंडी को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री।

मंडी, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकाघाट को मेडिकल यूनिवर्सिटी का तोहफा दिया है। उन्होंने अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा की। इस अवसर पर ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सीमा पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत देश और प्रदेश के पर्यटक अब चीन सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों में भ्रमण कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का भी आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने शिमला के जुब्बल निवासी फलाइट लैफ्टिनेंट अर्शवीर ठाकुर को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शौर्य के परिचय के लिए वीर चक्र से सम्मानित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इस वीर सपूत ने अपनी वीरता से पूरे हिमाचल का नाम रोशन किया है। इस आपरेशन में अर्शवीर ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीर भूमि है। देश का पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के मेजर सोमनाथ शर्मा को मिला था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों केे बलिदान को याद किया और विनम्र श्रद्धांजलि दीं। मुख्यमंत्री ने सरकाघाट में नया बस अड्डा के निर्माण, नागरिक अस्पताल सरकाघाट में बिस्तरों की क्षमता को 100 से बढ़ाकर 150 करने और शिव मंदिर के निकट पार्किंग के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की। बागवानों की खुशहाली के लिए भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है। प्रदेश यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया गया है और एमआईएस योजना के तहत सेब, किन्नू, मालटा और संतरा को 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और गलगल को 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जबकि आम की खरीद 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जा रही है।उन्होंने कहा कि वनों भूमि पर पौध रोपण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये के प्रावधान से राजीव गांधी वन संवर्धन योजना शुरू की है, जिसमें महिला मंडलों और युवक मंडलों को शामिल किया गया है। महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 18 से 59 वर्ष की 2,96,279 पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये की सम्मान राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला जिला के चम्याणा अस्पताल में रॉबोटिक सर्जरी शुरू की गई है और इसे शीघ्र ही अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में भी आरम्भ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की। इस बोर्ड में गृह, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, युवा सेवा एवं खेल, पंचायती राज और कारागार विभागों के विशेषज्ञों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठन और सोशल सांइटिस्ट को शामिल किया जाएगा। यह बोर्ड नशे पर अंकुश लगाने तथा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में काम करेगा। राज्य सरकार द्वारा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के कल्याण के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए नीति आयोग, एम्स, पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक कार्य योजना तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि चिट्टे के समूल नाश के लिए गांवों और पंचायतों में एंटी ड्रग समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें पंचायत सचिव, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक पुलिस कांस्टेबल शामिल होंगे। पुलिस नशे से संबंधित जानकारी एकत्रित कर समिति के साथ साझा करेगी। पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी द्वारा पंचायत स्तर पर कांस्टेबलों की नियुक्ति, नियमित बैठकें और मासिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्य अविलम्ब आरम्भ किया जाएगा ताकि नशे के खिलाफ समय पर कार्रवाई कर इस लड़ाई में जीत हासिल की जा सकती है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने घोषणा की कि सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक अब शैक्षणिक सत्र के मध्य में नहीं, बल्कि सत्र के अंत में सेवानिवृत्त होंगे। इनमें स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के शिक्षक शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में 200 सीबीएसई पाठ्यक्रम आधारित स्कूल खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने मैरिट आधारित चयन को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अंतिम चयन केवल साक्षात्कार के अंकों के आधार पर किया जाता था, जबकि लिखित परीक्षा के अंक केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने तक सीमित थे। इन्हें अन्तिम मैरिट में शामिल नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब अंतिम मैरिट में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के अंक जोड़ने का निर्णय लिया है ताकि वास्तव में मेहनती परिक्षार्थियों को ही नौकरी मिले। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए गम्भीर प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है कि जो लोग नकल करेंगे या नकल करवाने में मदद करेंगे उन्हें तीन साल तक का कारावास होगा और इसके लिए सरकार अगले विधानसभा सत्र में विधेयक भी लाएगी।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top