Madhya Pradesh

पुलिस विभाग में हुए तबादले को लेकर सहायक उप निरीक्षक को मिला हाईकोर्ट से स्टे

10 हजार पेड़ों की कटाई के मामले में मंडला कलेक्टर और एसपी ऑफिस के निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक,

जबलपुर, 24 जून (Udaipur Kiran) । मप्र हाईकोर्ट ने सतना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है इसको लेकर पुलिस विभाग तबादले आदेश को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है।

दरअसल, 11 जून 2025 को भोपाल स्थित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेडियो द्वारा एक ट्रांसफर आदेश जारी किया गया था, जिसमें कुल 89 पुलिसकर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया था। इस लिस्ट में सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक और आरक्षक जैसे विभिन्न स्तरों के पुलिस कर्मी शामिल थे। सतना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक अर्जुन प्रसाद पांडे का नाम भी इस ट्रांसफर सूची में था, जिन्हें 11 जून 2025 को एक प्रशासनिक आदेश के तहत भोपाल स्थित डायल-100 यूनिट में स्थानांतरित किया गया था। अर्जुन ने इस ट्रांसफर आदेश को याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी । कोर्ट ने उनकी दलीलें सुनने के बाद अस्थायी राहत देते हुए तबादले के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगले आदेश तक अर्जुन पांडे सतना में ही पदस्थ रहेंगे।

राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने ट्रांसफर को उचित ठहराने दलील देने के साथ सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने आदेश तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी बनाम आर. अगिला का हवाला दिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अर्जुन पांडे को 17 जून को उनके मूल पदस्थ स्थान से विधिवत रिलीव कर दिया गया है, इसलिए अब उन्हें ट्रांसफर किए गए नए स्थान, यानी भोपाल जाकर कार्यभार ग्रहण करना चाहिए। वहीं अर्जुन पांडे की ओर से अधिवक्ता बृजेश कुमार चौबे ने पैरवी करते हुए कोर्ट के सामने यह बात रखी कि यह ट्रांसफर मध्य प्रदेश पुलिस विनियमन के नियम 198 के स्पष्ट उल्लंघन में किया गया है। उन्होंने यह तर्क दिया कि पुलिस विभाग के एएसआई स्तर तक के कर्मचारी का ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड की अनुशंसा के बिना नहीं किया जा सकता। इसी आधार पर उन्होंने ट्रांसफर आदेश को अवैध और नियमविरुद्ध बताया। वकील ने एक पुराने मामले का भी हवाला दिया। जिसमें 24 जून 2021 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण केवल बोर्ड के माध्यम से ही किए जाएं।

जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि जिस आदेश के तहत ट्रांसफर किया गया है, वह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेडियो) द्वारा जारी किया गया है, जबकि नियम 198 के अनुसार, यह कार्य केवल पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस ट्रांसफर नीति का हवाला दिया जा रहा है, वह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों पर लागू ही नहीं होती। साथ ही, कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अर्जुन पांडे की जगह सतना में अभी किसी अन्य कर्मी ने ज्वाइन नहीं किया है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित डीजीपी और एडीजीपी रेडियो को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया है कि वह इस मामले में अपना पक्ष तीन कार्य दिवस के भीतर प्रस्तुत करे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई से पहले जवाबी दस्तावेज पेश किए जाएं। तब तक के लिए कोर्ट ने यह आदेश दिया कि अर्जुन पांडे को सतना में ही उनके वर्तमान पद पर कार्य करने की अनुमति रहेगी और 11 जून को जारी किया गया याचिकाकर्ता का ट्रांसफर आर्डर भी स्टे रहेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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