Assam

2027 में असम लाया जाएगा विरासत धरोहर ‘वृन्दावनी वस्त्र’: मुख्यमंत्री

शनिवार को असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा राजधानी दिसपुर स्थित लोक सेवा भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए।

गुवाहाटी, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । महान संत श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया 16वीं शताब्दी का प्रसिद्ध ‘वृन्दावनी वस्त्र’ वर्ष 2027 में 18 माह के लिए असम लाया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने राजधानी दिसपुर स्थित लोक सेवा भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी।

वर्तमान में यह अद्वितीय धरोहर यूरोप के तीन संग्रहालयों, जिनमें ब्रिटिश म्यूजियम भी शामिल है, में संरक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा, “वस्त्र को असम लाने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन ब्रिटिश सरकार द्वारा कुछ शर्तें लगाई गई हैं, जिनके चलते प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण है।”

उन्होंने बताया कि फिलहाल लोग इस धरोहर की डिजिटल झलक कलाक्षेत्र से देख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार इस तरह की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण करेगी। रेशम विभाग द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी और इसका विकास जेएसडब्ल्यू समूह द्वारा किया जाएगा।

‘वृन्दावनी वस्त्र’ पारंपरिक लुम्पस तकनीक से बुना गया था और इसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न प्रसंगों का चित्रण है। मूल रूप से 15 खंडों में तैयार इस वस्त्र को बाद में जोड़कर एक संपूर्ण कृति बनाई गई। यह वस्त्र असम से तिब्बत और फिर लंदन तक की यात्रा कर आज ब्रिटिश म्यूजियम में संरक्षित है।

इसके अलावा अलावा भी मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के कई सवालों के उत्तर दिए।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

Most Popular

To Top