
-असम पुलिस को बधाई दी और कानून-व्यवस्था में उसकी भूमिका की सराहना की
गुवाहाटी, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य बुधवार को मांदाकाटा स्थित प्रथम असम कमांडो बटालियन मुख्यालय परिसर में आयोजित 75वें असम पुलिस दिवस समारोह में शामिल हुए। यह समारोह असम पुलिस की गौरवशाली यात्रा के एक महत्वपूर्ण पड़ाव को चिह्नित करने के लिए मनाया गया।
कार्यक्रम का आयोजन भारी बरसात के बीच हुआ। पानी से भरे मैदान में पुलिस कर्मियों ने परेड किया। राज्यपाल ने भी बरसात के बीच परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। खराब मौसम के बीच भी पुलिस कर्मियों का जोश देखते ही बनता था। इस दिन को एक उत्सव और कानून-व्यवस्था, न्याय तथा जन सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि बताते हुए राज्यपाल ने भव्य औपचारिक परेड की सलामी लेते हुए गहरी खुशी व्यक्त की।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने बल की प्लेटिनम जयंती पर सभी अधिकारियों, कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जवानों द्वारा प्रदर्शित सटीकता, अनुशासन और समन्वय हमारे पुलिसकर्मियों के समर्पण, प्रशिक्षण और साहस का सच्चा प्रतिबिंब है।
असम पुलिस की विशिष्ट पहचान पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने इसके अदम्य साहस, अद्वितीय संकल्प और जन-केंद्रित दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर अधिकारियों और जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र के प्रति उनके परिवारों के अमूल्य योगदान को स्वीकार किया।
राज्यपाल ने कहा कि असम पुलिस द्वारा सुनिश्चित की गई शांति और सुरक्षा राज्य के विकास और समृद्धि की नींव है। उन्होंने साइबर अपराध से लेकर सीमा सुरक्षा, सांप्रदायिक तनाव और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों तक, आधुनिक खतरों की बदलती प्रकृति पर ज़ोर दिया और अधिक सतर्कता, तकनीकी सशक्तिकरण और सामुदायिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
उन्होंने जन विश्वास के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि पुलिस और जनता के बीच का विश्वास रूपी का पुल जितना मज़बूत होगा, हमारी आंतरिक सुरक्षा उतनी ही मज़बूत होगी। असम पुलिस के नागरिक-प्रथम दृष्टिकोण की सराहना करते हुए उन्होंने आधुनिक, मानवीय पुलिसिंग के उदाहरणों के रूप में नशीली दवाओं के दुरुपयोग, मानव तस्करी, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से निपटने में इसके नेतृत्व की सराहना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी हितधारकों से भविष्य के लिए तैयार एक ऐसे पुलिस बल की कल्पना करने का आह्वान किया, जो तकनीकी रूप से उन्नत, नैतिक रूप से सुदृढ़ और कमजोर लोगों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हो। उन्होंने पारदर्शिता, अनुशासन, नवाचार और सहानुभूति को पुलिस बल के मार्गदर्शक मूल मूल्यों के रूप में अपनाने का आह्वान दोहराया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रणनीतिक, सूक्ष्म, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी स्मार्ट पुलिसिंग के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने इस ढांचे के साथ तालमेल बिठाने और समर्पण के साथ अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए असम पुलिस की प्रशंसा की।
आचार्य ने प्रत्येक पुलिस अधिकारी और जवान से अपनी शपथ, वर्दी और कर्तव्य के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा को नवीनीकृत करने और असम के लोगों की सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने महान अहोम जनरल लचित बोरफुकन के अमर शब्दों देखोतकोई ममाई डांगोर नोहोय (देश से बड़ा मामा नहीं) का उल्लेख किया और कहा कि ये शब्द असम पुलिस की गतिविधियों से मेल खाते हैं।
भारी बारिश के बावजूद परेड में भाग लेने वाले पुलिसकर्मियों के समर्पण की सराहना करते हुए, राज्यपाल ने उनकी अनुकरणीय प्रतिबद्धता की सराहना की। खराब मौसम की परवाह किए बिना, उन्होंने पुलिस बल के प्रति अपनी एकजुटता और उनकी सेवा के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए गार्ड ऑफ ऑनर भी लिया।
राज्य के पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। असम पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। असम पुलिस के कमांडों के द्वारा इस अवसर पर पानी और कीचड़ से भरे मैदान में शारीरिक दक्षता का भी प्रदर्शन किया गया।
———–
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
