Assam

ज़ुबीन की ‘संदिग्ध’ मौत की जांच हाई काेर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई करें : असम कांग्रेस

असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया

– विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उठाई मांग

गुवाहाटी, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर असम के सांस्कृतिक प्रतीक ज़ुबीन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में हुई आकस्मिक मृत्यु की गौहाटी उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई जांच के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

अपने पत्र में, सैकिया ने गायक की मृत्यु से जुड़ी संदिग्ध परिस्थितियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि घटनाक्रम किसी साजिश की ओर इशारा करता है। उन्होंने तर्क दिया कि हालांकि असम सीआईडी को इस मामले की जांच का काम सौंपा गया है, लेकिन यह तथ्य कि यह घटना सिंगापुर में हुई, गंभीर अधिकार क्षेत्र की सीमाएं उत्पन्न करता है जिन्हें राज्य पुलिस केंद्रीय सहायता के बिना पार नहीं कर सकती।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जुबीन गर्ग न केवल एक कलाकार थे, बल्कि प्रतिरोध की एक क्रांतिकारी आवाज भी थे, जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) सहित सरकारी नीतियों का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान गर्ग के बयानों को याद किया, जहां गायक ने असम में इसे कभी लागू न होने देने की कसम खाई थी, और कहा कि इसने उन्हें खत्म किए जाने का संभावित निशाना बना दिया।

सैकिया ने आरोप लगाया कि सिंगापुर रवाना होने से पहले, गर्ग ने अपने करीबी सहयोगियों को बताया था कि उन पर सीमित साथियों के साथ यात्रा करने का काफी दबाव है, जिससे उनका सामान्य तरीका बदल गया है। उन्होंने महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत के बयानों में विरोधाभासों पर भी सवाल उठाए, जिन्होंने पहले गर्ग के कार्यक्रम में शामिल होने का प्रचार किया था, लेकिन बाद में दावा किया कि गायक सिर्फ आराम करने गए थे।

गर्ग के दौरे पड़ने के ज्ञात चिकित्सा इतिहास का हवाला देते हुए, सैकिया ने सवाल किया कि नौका यात्रा के दौरान उन्हें कथित तौर पर बिना लाइफ जैकेट के तैरने के लिए क्यों प्रोत्साहित किया गया, जिसके कारण उन्हें घातक दौरा पड़ा। सैकिया ने लिखा, व्यवस्थित योजना- यात्रा से पहले जबरदस्ती, परिवार से अलग-थलग रहना, आयोजकों द्वारा विरोधाभास और उनकी स्वास्थ्य संबंधी कमज़ोरियों का फायदा उठाना- ये सभी एक सोची-समझी हत्या की ओर इशारा करते हैं।

उन्होंने राष्ट्रपति से असम सीआईडी की सहायता के लिए तकनीकी और अंतरराष्ट्रीय सहायता के साथ सीबीआई जांच का निर्देश देने का आग्रह किया और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक निगरानी की मांग की। सैकिया ने कहा, असम के लाखों लोगों के साथ, मैं भी इस क्रांतिकारी सांस्कृतिक प्रतीक के लिए न्याय की मांग करता हूं। उन्होंने जाेर देकर कहा कि जांच से यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने गर्ग पर यात्रा करने का दबाव डाला, आयोजक ने अपनी कहानी क्यों बदली, उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कौन जानता था, और उनकी आवाज दबाने के पीछे कौन से राजनीतिक उद्देश्य थे।

सैकिया ने अंत में कहा कि केवल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के मार्गदर्शन में सीबीआई के नेतृत्व वाली जांच ही न्याय की गारंटी दे सकती है और मामले में जनता का विश्वास बहाल कर सकती है।——————–

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

Most Popular

To Top