Jammu & Kashmir

एएसकेपीसी ने काला दिवस के रूप में मनाया, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी की मांग दोहराई

एएसकेपीसी ने काला दिवस के रूप में मनाया, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी की मांग दोहराई

जम्मू, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । ऑल स्टेट कश्मीर पंडित कांफ्रेंस (एएसकेपीसी) द्वारा 13 जुलाई 1931 को कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडित समुदाय पर हुए क्रूर और अमानवीय दंगों की याद में काला दिवस मनाया गया। यह विरोध कार्यक्रम दुर्गा नगर स्थित एएसकेपीसी भवन में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया। एएसकेपीसी के अध्यक्ष राम कृष्ण वांगनू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 13 जुलाई 1931 का दिन कश्मीर के बहुरंगी सांस्कृतिक इतिहास पर एक काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि उस समय शुरू हुई कट्टरपंथी प्रवृत्तियों ने समय के साथ विकराल रूप ले लिया, जिससे कश्मीरी पंडितों का घाटी में जीवन दूभर होता गया।

वांगनू ने स्पष्ट किया कि चार दशक पहले हुए सामूहिक विस्थापन के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। आज भी समय-समय पर हिंदुओं विशेषकर कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग की घटनाएं सामने आती हैं। उन्होंने सरकार से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक और सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने समुदाय से भी अपील की कि वे किसी भी फर्जी संगठन के बहकावे में न आएं, जो एएसकेपीसी के नाम पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एएसकेपीसी ही सरकारी रूप से पंजीकृत और मान्यता प्राप्त संगठन है, जिसे समर्पित कश्मीरी पंडित नेताओं द्वारा संचालित किया जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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