
बलरामपुर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में रहने वाले 90 वर्षीय शिवदयाल प्रजापति की कहानी समाज की वर्तमान स्थिति को दर्शाती है। रामानुजगंज थाने से एएसआई के पद से सेवानिवृत्त शिवदयाल के पास 25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। उनके तीन बेटे हैं और सभी आर्थिक रूप से सक्षम हैं। लेकिन कोई भी अपने पिता की देखभाल करने को तैयार नहीं है। शिवदयाल खुद अपना खाना बनाते हैं। हाल ही में उनकी आंखों की रोशनी कमजोर होने के बाद एक नाती उनकी देखभाल के लिए रह रहा है।
शिवदयाल ने बताया कि उन्होंने जीवन भर अपने बच्चों की खुशियों के लिए सब कुछ किया। आज उनके बेटों के पास धन की कोई कमी नहीं है। फिर भी वे अपने पिता की सेवा नहीं कर रहे हैं।
31 जनवरी 1997 को पुलिस सेवा से रिटायर हुए शिवदयाल की स्थिति समाज में बढ़ती बुजुर्गों की उपेक्षा की ओर इशारा करती है। जहां पहले बुजुर्गों की सेवा को कर्तव्य माना जाता था, वहीं आज उनकी अनदेखी की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
