Madhya Pradesh

अशोकनगर: चंदेरी का शिक्षा विभाग हुआ अराजकता का शिकार

चंदेरी शिक्षा विभाग का मामला।

चंदेरी, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश का चंदेरी विकासखंड का शिक्षा विभाग इन दिनों अराजकता का शिकार हो गया है, जहां अनियमित, स्वेच्छाचारी, कार्रवाइयों के कारण जिला कलेक्टर आदित्य सिंह कारण बताओं नोटिस जारी कर रहे हैं वही एक पूर्व महिला अतिथि शिक्षिका द्वारा बीईओ चंदेरी पर धमकाने और कैरियर खराब करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

शुक्रवार को मीडिया में दिए गए वक्तव्य में पूर्व अतिथि शिक्षिका श्रीमती सपना जैन ने पुनः बीईओ कार्यालय चंदेरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय प्रदान किए जाने सहित न्यायोचित कार्यवाही की मांग की है। चंदेरी के शिक्षा विभाग में हुई इन अराजक्ताओं के संबंध में जब जांच पड़ताल की गई तब यह महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाश में आया है कि एक अति कनिष्ठ शिक्षक राजेश तिवारी को विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाकर रखा गया है जो अराजकता का मूल कारण बने हुए हैं कई वरिष्ठ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर यह बताया है कि हमारे ऊपर एक कनिष्ठ शिक्षक को तत्कालीन डीईओ नीरज शुक्ला द्वारा बीईओ चंदेरी बना दिया गया है, जबकि कई वरिष्ठ शिक्षक बीईओ पद के पात्र होते हुए भी अन्याय झेल रहे हैं।

कलेक्टर जिला अशोकनगर आदित्य सिंह का वर्तमान में मुख्य केंद्र बिंदु शिक्षा विभाग होकर उसे सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु कलेक्टर जिला अशोकनगर इस महत्वपूर्ण तथ्य से या तो अनजान है या फिर जानबूझकर इस कनिष्ठ व वरिष्ठ व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जो शिक्षा विभाग के लिए घातक सिद्ध हो रही है, क्योंकि चंदेरी विकासखंड में जूनियर शिक्षक को बीईओ का प्रभार देने का एक ही मामला नहीं है जिले में कई जगहों पर यही प्रक्रिया प्रचलन में है जो मूल अराजकता की वजह बन गई है समय रहते यदि जिला कलेक्टर इस पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो शिक्षा व्यवस्था को सुधार पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

उच्च न्यायालय ने भी वरिष्ठ को प्रभार दिए जाने का आदेश किया है पारित*

उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश ने भी वरिष्ठ को प्रभार दिए जाने का आदेश पारित किया है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक WP 41038 वर्ष 2024 एवं इसी प्रकार की कई याचिकाओं पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय प्रिंसिपल सीट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक जैन द्वारा 11.7.2025 को याचिका क्रमांक 35404 तथा याचिका क्रमांक 37906 एवं अन्य याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए यह स्पष्ट आदेश किया है कि वरिष्ठ व्यक्ति के होते हुए कनिष्ठ को प्रभार नहीं दिया जा सकता है यह याचिकाएं प्राध्यापकों द्वारा कनिष्ठ को प्रभार दिए जाने के संबंध में दायर की गई थी जिस पर उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश ने यह न्याय दृष्टांत दिया है जो राज्य शासन के सभी विभागों पर प्रभावशील होता है ।

उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के 11 7.2025 में दिए गए इस न्याय दृष्टांत की वरिष्ठ के होते हुए कनिष्ठ का प्रभार नहीं दिया जा सकता है इसी प्रकार कलेक्टर जिला अशोकनगर को तत्काल प्रभाव से संज्ञान अवश्य लेना चाहिए तथा चंदेरी के कनिष्ठ शिक्षक को बीईओ के प्रभार से तत्काल पृथक करते हुए किसी वरिष्ठ शिक्षक को प्रभार सौंपना चाहिए जिससे चंदेरी के शिक्षा विभाग में व्याप्त अराजकता पर विराम लग सके जिससे पीड़ित महिला सहित लोगों को न्याय मिल सके।

जिला अशोकनगर कलेक्टर आदित्य सिंह का कहना है कि बीईओ चंदेरी को दिए गए नोटिस पर शीघ्र कारवाही की जाएगी साथ ही कनिष्ठ और वरिष्ठ का जो तथ्य आप बता रहे हैं वह उचित है, बीईओ चंदेरी द्वारा महिला आतिथि शिक्षक को धमकाने वाले मामले पर भी शीघ्र कार्यवाही करूंगा ।

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(Udaipur Kiran) / Nirmal Vishwkar

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