जलपाईगुड़ी, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर बंगाल के चाय बागानों में मंगलवार से 20 प्रतिशत दर से बोनस वितरण शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के नाम पर श्रमिकों से जबरन वसूली के आरोप ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। श्रमिकों का कहना है कि बोनस मिलने के बाद उनसे अतिरिक्त पैसे मांगे जा रहे हैं, जिससे असंतोष फैल रहा है।
इस आरोप पर तृणमूल की चाय श्रमिक यूनियन की केंद्रीय समिति के चेयरमैन नकुल सोनार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से हर साल रसीद देकर श्रमिकों से 50 रुपये ‘बोनस-चंदा’ के रूप में लिया जाता है और यह कोई नई प्रथा नहीं है। उनके मुताबिक सभी संगठन ऐसा करते हैं, लेकिन अगर कोई बिना रसीद संगठन का नाम लेकर श्रमिकों से अतिरिक्त धन वसूलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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भाजपा का आरोप और घेराव की तैयारी
भारतीय जनता पार्टी से संबंधित भारतीय टी वर्कर्स यूनियन ने तृणमूल पर तीखा हमला बोला है। संगठन के अध्यक्ष युगल झा ने आरोप लगाया कि वसूली के साथ-साथ कई बागान प्रबंधन बोनस देने में टालमटोल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बागानों में गेट मीटिंग की जा रही है और 18 सितंबर को श्रम विभाग का घेराव किया जाएगा।
दरअसल राज्य सरकार की एडवाइजरी के तहत इस बार 20 प्रतिशत दर से बोनस देने का निर्देश दिया गया है। अब तक पहाड़, तराई और डुआर्स मिलाकर 276 चाय बागानों में से 152 में बोनस का भुगतान पूरा हो चुका है। पिछले साल डुआर्स में श्रमिकों को 16 प्रतिशत बोनस मिला था। इस बार 20 प्रतिशत मिलने से श्रमिकों में उत्साह है और ग्रामीण हाट-बाज़ारों में रौनक देखी जा रही है।
इंडियन टी प्लांटर्स एसोसिएशन की डुआर्स शाखा के सचिव रामअवतार शर्मा ने कहा कि प्रतिदिन कुछ बागानों में बोनस दिया जा रहा है, जबकि कुछ बागान किस्तों में भुगतान करने की बात कर रहे हैं। जलपाईगुड़ी के पास रायपुर चाय बागान पिछले आठ वर्षों से बंद है। वहां के श्रमिक चाय पत्ते बेचकर जीवनयापन कर रहे हैं, हालांकि सरकार की ओर से जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
