
देहरादून, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । विरासत महोत्व में बुधवार की सांस्कृतिक संध्या कुचिपुड़ी नृत्यांगना अरुणिमा कुमार के नाम रही। उनके नृत्य ने दर्शकों पर सम्मोहन सा असर किया। सूर्य स्तुति, अर्द्धनारीश्वर, देव देवम भजे, कलिंग नर्तनम, शिव तरंगम और दुशासन वध के गीतों पर नृत्य ने दर्शकों को अध्यात्म की गहराई तक पहुंचा दिया।
महोत्सव में आज शाम कोलागढ़ रोड स्थित ओएनजीसी के डॉ बीआर आम्बेडकर स्टेडियम में आयोजित विरासत महोत्सव में अरुणिमा कुमार ने अर्द्धरीश्वर नृत्य की प्रस्तुति राग मालिका में ताल मालिका से कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने अगली प्रस्तुति कलिंग नारायणम एक थिल्लाना रहा जिसमें बाल कृष्ण को कालिया सर्प को पराजित करते हुए तथा उसके सिर पर नृत्य करते हुए दर्शाया गया है। कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति में शामिल कलाकारों में क्रमशः कोर्नेलिया, विद्या, अरुणिमा कुमार रहे।
भारतीय शास्त्रीय संगीत में अनमोल सितारा माने जाने वाली आरुणिमा कुमार कुचिपुड़ी के लिए 2008 के संगीत नाटक अकादमी युवा पुरस्कार विजेता हैं। मात्र 9 साल की छोटी बच्ची के रूप में उन्होंने बैले आम्रपाली में अभिनय किया और कुचिपुड़ी नृत्य अकादमी ने उन्हें औपचारिक रूप से वर्ष 1995 में लॉन्च किया, जहाँ उन्होंने नई दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में अपना अरंगेत्रम प्रस्तुत किया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी (भारत गणराज्य द्वारा स्थापित भारत की राष्ट्रीय अकादमी) द्वारा 2008 का प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । वर्तमान में वह लंदन में रहती हैं और एरिसेंट समूह में मानव संसाधन सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
