Bihar

मोतिहारी में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के कलाकारो ने किया नाट्य मंचन

नाट्य मंचन करते कलाकार
रंगमंडल के कलाकार

पूर्वी चंपारण,30 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।दिल्ली का राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल अपने हीरक जयंती समारोह (रंग षष्ठी) पर देश-विदेश में भ्रमण करने पश्चात इन दिनों बिहार प्रवास पर है।

रंगमंडल के कलाकार पटना, पूर्णिया और बेगूसराय जैसे शहरों में नाट्य मंचन करने के बाद दुर्गा पूजा के उत्सवी माहौल मे सोमवार को मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में पहली बार ‘माई री मैं का से कहूं’ नाटक का मंचन किया। जिसका उद्घाटन जिला कला संस्कृति पदाधिकारी फहद सिद्दीकी और एन.एस.डी से आए नाट्य प्रबंधक अभिषेक मुदगल ने संयुक्त रूप से किया। मंच का संचालन शिक्षक आदित्य मानस ने किया

‘माई री मैं का से कहूं’ नाटक हिंदी के प्रसिद्ध लेखक विजयदान देथा की कहानी ‘दुविधा’ पर आधारित है। इसमें एक स्त्री के अंतर्मन की दुविधा को मार्मिक और संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है। संगीत और कलाकारों की अनूठी प्रस्तुति से सुसज्जित यह नाटक दर्शकों का न केवल मनोरंजन किया बल्कि उनके मन पर गहरा प्रभाव भी छोड़ गया। इस नाटक का निर्देशन अजय कुमार ने किया, जिन्होंने इसके लिए संगीत भी संयोजित किया है।

रंगमंडल मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में आगामी 30 सितंबर व 1 अक्टूबर को भी नाट्य मंचन करेगा। जिसमे पहला नाटक ‘बाबूजी’ है, जो हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार मिथिलेश्वर की कहानी पर आधारित है और जिसका नाट्य रूपांतरण विभांशु वैभव ने किया है।

इस नाटक का निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के प्रमुख राजेश सिंह ने किया है। इसके साथ ही इस श्रृंखला का अंतिम नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ होगा, जिसे वरिष्ठ लेखक अजय शुक्ल ने लिखा है और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वर्तमान निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने इसे निर्देशित किया है।

उल्लेखनीय है, कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल की 60वीं वर्षगांठ (हीरक जयंती) समारोह का हिस्सा है। यह समारोह अगस्त 2024 से शुरू होकर 2026 तक चलेगा। इस दौरान मंडली भारत के विभिन्न शहरों-ग्वालियर, देहरादून, शिमला, जयपुर, बेंगलुरु और मुंबई-के साथ-साथ रूस, सिंगापुर, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों में भी प्रदर्शन कर चुकी है।

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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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